For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय काव्य-रसिको,

सादर अभिवादन !

 

’चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का यह आयोजन लगातार क्रम में इस बार एक सौ दोवाँ आयोजन है.   

 

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ  

19 अक्टूबर 2019 दिन शनिवार से 20 अक्टूबर 2019 दिन रविवार तक
 
इस बार के छंद हैं - 

1. शक्ति, तथा

2. कुण्डलिया 

हम आयोजन के अंतरगत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं. छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है, दिये गये चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.

 

एक बात और, आप आयोजन की अवधि में अधिकतम दो ही रचनाएँ प्रस्तुत कर सकते हैं.   

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगीं. 

शक्ति छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें

कुण्डलिया छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें

जैसा कि विदित है, अन्यान्य छन्दों के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के  भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.

********************************************************

आयोजन सम्बन्धी नोट 

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 

19 अक्टूबर 2019 दिन शनिवार से 20 अक्टूबर 2019 दिन रविवार तक, यानी दो दिनों के लिए, रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करेंआयोजन की रचनाओं के संकलन के प्रकाशन के पोस्ट पर प्राप्त सुझावों के अनुसार संशोधन किया जायेगा.
  4. अपने पोस्ट या अपनी टिप्पणी को सदस्य स्वयं ही किसी हालत में डिलिट न करें। 
  5. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  6. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  7. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  8. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

विशेष :

यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com  परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 1671

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

'चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव में आपका स्वागत है।

कुंडलिया

_______

[ 1 ]

सबला है अबला नहीं, बढ़ा मनोबल आज।

खबर दे रही बाढ़ की, अद्भुत है अंदाज॥

अद्भुत है अंदाज, नहीं अब है बेचारी।

सभी साहसिक कर्म, स्वयं कर लेती नारी॥

बनी डेकची नाव, संतुलन बड़ी बला है।

पुरुष बने पतवार, तभी नारी सबला है॥

 

[ 2 ]

नारी सुंदर वस्त्र में, बिखरे काले बाल।

माइक से बतला रही, बाढ़ क्षेत्र का हाल॥

बाढ़ क्षेत्र का हाल, स्वयं उतरी है जल में।

गुंडी की यह नाव, उलट जाये ना पल में॥

दो नाविक के साथ, निभाती जिम्मेदारी।

कर लेती हर काम, ठान लेती जब नारी॥

........................

[मौलिक एवं अप्रकाशित ]

आ. भाई अखिलेश जी, प्रदत्त विषय पर सुंदर कुंडलियाँ हुई है । हार्दिक बधाई ।

आदरणीय अखिलेश जी, नमन सादर। सुन्दर कुण्डलिया छन्द के लिए हार्दिक बधाई।

आदरणीय अखिलेश भाई जी, आपकी कुण्डलिया संयत, शिल्पगत एवं चित्रानुरूप हुई हैं। हार्दिक बधाइयाँ.. 

आदरणीय अखिलेश जी प्रदत्त चित्र के भाव को परिभाषित करती सुन्दर कुण्डलिया छंद की प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय 

गीत

समर में यही एक हथियार है
सँभाले सही देख अख़बार है।

शासक का ही जो रहा, ख़बरी बनता भांड
ऐसी ये नजरें नहीं, ये तकती ब्रह्मांड
ये तकती ब्रह्मांड, धूप छाया सब जानें
सबके आगे सत्य, बात लाने की ठानें
सतविंदर हैं ठीक, सकल जन की हिय वाचक
जिनकी सुन कर बात, जाग जाता है शासक।

रही शब्द की तेज सच धार है
सँभाले सही देख अख़बार है।

दुर्गम राहों का नहीं, हिम्मत पर कुछ भार
उन्हें सुगमता से तरे, दुर्गा रूपी नार
दुर्गा रूपी नार, और सर्जक मानव की
मानवता के संग, यही हन्ता दानव की
सतविंदर सह प्राण, मोल जाने आहों का
हरती सारा दंभ , नारि दुर्गम राहों का

समझ की रही नेक दरकार है
सँभाले सही देख अख़बार है।

मौलिक अप्रकाशित

आदरणीय सतविंदर भाई, आपने तो मुझे चकित कर दिया ! 

कुंडलिया छंद को आधार बनाकर मुखड़े और आधार पंक्तियों के सहारे गीत की बुनावट वाकई रचनात्मक प्रयास है। 

आपके इस प्रयास पर हार्दिक बधाइयाँ.. 

ऐसे ही रचनात्मक और प्रयासरत बने रहें। छंदों की भूमि एवं भूमिका पर काम करने वाले सुगढ़ रचनाकारों में पिछले कुछ वर्षों में आपका नाम मुख्य रूप से उभर कर आया है। 

शुभातिशुभ

आदरणीय सौरभ सर सादर नमन! आपका अनुमोदन, उत्साहवर्धन, मार्गदर्शन हमेशा ही सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। सादर आभार

आदरणीय सतविन्द्र कुमार राणा जी प्रदत्त चित्र पर सुन्दर भावाभियक्ति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें 

कुण्डलिया छंद आधारित गीत प्रस्तुति हेतु विशेष बधाई जो हमें भी इस विधा को अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है 

सादर 

आदरणीय सत्यनारायण जी, सादर नमन! उत्साहवर्धन के लिए सादर हार्दिक आभार।

 कुण्डलिया छंद
_______________
मैडम हाँडी पर चढीं, नीचे जल विस्तार।
तन्मयता से खे रहे, दोनों खेवनहार।।
दोनों खेवनहार,  खबर पहुँचानी घर घर।
पगलाये हैं मेघ, रहो सब आज सँभलकर।।
साहस की हैं खान, काम में इनके है दम।
करने हर पड़ताल, पहुँच जाती हैं मैडम।।
______________________________
शक्ति छंद
खबर की सिपाही चली जंग पर।
हुआ भाल ऊँचा इसे देखकर।।
बनी नाव हाँडी चली जा रही।
समझदार नाविक मिले हैं सही।।
_________________________
  • मौलिक व अप्रकाशित

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"परम आदरणीय गिरिराज भंडारी जी एवं सौरभ पाण्डेय जी  इस वार्ता को यहीं समाप्त करना  उचित…"
25 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय अशोक भाई प्रदत्त विषय पर बढ़िया गीत रचना हुई , हार्दिक बधाइयां "
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय अशोक भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"युद्ध हो जाता है तब आवश्यक शांति संदेश जब निरर्थक हों.......सत्य कहा है आपने.   आदरणीय…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"ये झगड़े फिर बढ़ेंगे ध्यान रखना सुलह तो जंग से भी पुर ख़तर है....वाह ! वाह ! आदरणीय गिरिराज भण्डारी जी…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शान्ति और युद्ध   कारण और अकारण कितने, युद्धों से इतिहास भरा है। वीरों के खोने का दिल…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय लक्ष्मण भाई आभार आपका "
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सुशील भाई .                      …"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आ. भाई गिरिराज जी, जबरदस्त कहन है। हार्दिक बधाई"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय सौरभ भाई , सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय अजय भाई प्रदत्त विषय पर आपकी सारगर्भित नज़्म के लिए आपको हार्दिक बधाइयां "
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"//कोशिश रहेगी सरना की रचनाएँ कम से कम मंच पर पोस्ट हों //    नहीं, आदरणीय. रचनाओं…"
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service