For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय काव्य-रसिको !

सादर अभिवादन !!

 

’चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का यह एक सौ तीसवाँ आयोजन है.   

 

इस बार का छंद है -  कुण्डलिया छंद  

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ - 

19 फरवरी 2021 दिन शनिवार से 

20 फरवरी 2021 दिन रविवार तक

हम आयोजन के अंतर्गत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं. छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है, दिये गये चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगीं.  

चित्र अंर्तजाल के माध्यम से 

कुण्डलिया छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक ...

जैसा कि विदित है, कई-एक छंद के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के  भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.

********************************************************

आयोजन सम्बन्धी नोट 

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 19फरवरी 2021 दिन शनिवार से 20 फरवरी 2021 दिन रविवार तक, यानी दो दिनों के लिए, रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करेंआयोजन की रचनाओं के संकलन के प्रकाशन के पोस्ट पर प्राप्त सुझावों के अनुसार संशोधन किया जायेगा.
  4. अपने पोस्ट या अपनी टिप्पणी को सदस्य स्वयं ही किसी हालत में डिलिट न करें। 
  5. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  6. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  7. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  8. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...


"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

विशेष यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com  परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 3273

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी आदाब, छंद रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्धन हेतु आभार।

आदरणीय त्रुटियों की ओर ध्यानाकर्षण कराने के लिए धन्यवाद।

कुण्डलिया छंद पर यह मेरा प्रथम प्रयास है।

वस्तुत: मैं समझ रहा था कि दोहे के प्रथम चरण के शब्द समूह में से कोई शब्द या शब्द समूह रोला के अंतिम चरण में कहीं भी प्रयुक्त किया जा सकता है, हालांकि आदरणीय रक्ताले जी ने मेरे तृतीय छंद को सुधार कर उदाहरण सहित समझाया भी था।

पुन: आपके बताने पर बात समझ में आ गयी है, जिसके लिए आपका और आ. रक्ताले जी का पुनः आभार। सादर। 

आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। चित्रानुसार अच्छे छन्द हुए हैं किन्तु मेरी तरह आपसे भी चूक हो गयी है । किन्तु प्राय से आप साध लेंगे । फिलहाल सहभागिता के लिए बधाई।

आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब, छंद रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्धन हेतु हार्दिक आभार।

आदरणीय मेरा भी कुण्डलिया छंद पर यह प्रथम प्रयास है, ग़लती होना स्वाभाविक भी है और ज़रूरी भी, ताकि हम सीख सकें। सादर। 

बहुत सुन्दर भाव प्रदत्त चित्र पर। हार्दिक बधाई आदरणीय 

आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी आदाब, छंद रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्धन हेतु हार्दिक आभार। सादर।

कुण्डलिया छंद

_____________
नानी दादी हाथ में, लिये हुए पहचान।
 दिखा रहीं उत्साह से, जारी है मतदान।।
 जारी है मतदान, पर्व ये बड़ा खास है।
 हों पूरे एलान, सभी की यही आस है।।
 बदलेगी इस बार, कहो क्या कथा पुरानी।
 आँखों में ले प्रश्न,, खड़ी हैं दादी नानी।।
____
आया दिन मतदान का, जनता ही है नाथ।
देखें किसके माथ पर, वो रखती है हाथ।।
वो रखती है हाथ, नहीं वो अब है भोली।
रहे खिलाते खूब, उसे वादों की गोली।।
बड़े करे एलान, खूब उसको भरमाया।
बरस पाँच के बाद , आज दिन उसका आया।।
_________
मौलिक व अप्रकाशित

आ. प्रतिभा बहन, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर छन्द हुए हैं हार्दिक बधाई।

हार्दिक आभार आदरणीय  भाई लक्ष्मण धामी जी

आदरणीय प्रतिभा पांडे जी, आपसे कुण्डलिया छंद के मूल तत्व में ही गलती हो गयी है। पहला छंद आपने नानी दादी से आरंभ किया किंतु उसके अंत में आपने दादी नानी कर दिया है। इस तरह दूसरा छंद आपने आया दिन से आरंभ किंतु अंत आपने उसका आया से किया है। इस छंद में ऐसा मान्य नहीं है। शेष विद्वजनो से राय जाने। सादर।


//चूँकि, इस छंद में पहले और आखिरी शब्द या शब्दांश या शब्द-समूह की क्रमशः समानता हुआ करती है,// कुण्डलिया के मूलभूत नियम पर ओबीओ  की पोस्ट के अनुसार । छंद पर आपकी उपस्थिति के लिये हार्दिक आभार आदरणीय।आदरणीय अशोक जी व अखिलेश जी से भी इस बिन्दु पर मार्गदर्शन निवेदित है

आदरणीया प्रतिभाजी आप सही हैं| प्रथम और अन्तिम शब्द  एक होना चाहिए| प्रथम शब्द के बाद और अंतिम शब्द के पहले कौन सा शब्द है यह महत्वपूर्ण नहीं है|

//पहला छंद आपने नानी दादी से आरंभ किया किंतु उसके अंत में आपने दादी नानी कर दिया है। इस तरह दूसरा छंद आपने आया दिन से आरंभ किंतु अंत आपने उसका आया से किया है।//

 

आदरणीय दयाराम मेठानी साहब सादर, छंद के प्रारम्भ में नानी दादी  और अंत में दादी नानी होना कुण्डलिया छंद की परिभाषा अनुसार कोई दोष नहीं है. दादी और नानी दोनों स्वतंत्र शब्द हैं. इसकारण इनका आवश्यकता अनुसार प्रयोग किया जा सकता है. शब्दांश, शब्द या शब्द समूह..... अर्थात ना, नानी या नानी-दादी. यही बात द्वितीय छंद पर भी लागू होती है. सादर

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Sunday
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Friday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
Friday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service