For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय काव्य-रसिको !

सादर अभिवादन !!

 

’चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का यह एक सौ तैंतालिसवाँयोजन है.   

 

पुनः इस बार का छंद है - कुकुभ छंद  

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ - 

18 मार्च 2023 दिन शनिवार से 

19 मार्च 2023 दिन रविवार तक

हम आयोजन के अंतर्गत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं. छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है, दिये गये चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगीं.  

कुकुभ छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें

जैसा कि विदित है, कई-एक छंद के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के  भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.

*********************************

आयोजन सम्बन्धी नोट 

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ - 

18 मार्च 2023 दिन शनिवार से 19 मार्च 2023 दिन रविवार तक रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करें.
  4. अपने पोस्ट या अपनी टिप्पणी को सदस्य स्वयं ही किसी हालत में डिलिट न करें. 
  5. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  6. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  7. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. 
  8. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  9. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...


"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

विशेष यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com  परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम 

Views: 1556

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आयोजन में सभी का स्वागत है

सफलता की कुञ्जी
*****************


जिसके घट में प्यास बादलों, पास पहुँचने तक की है,
कार्य असंभव जिसने संभव, करने की ही हठ की है।
जिसको सम्मुख खड़ा हिमालय, लगता एक खिलौना सा,
जिसे उगाना नया तुंग भी, लक्ष्य दिखा है बौना सा।

उसे शिखर पर विजय प्राप्त कर, बनकर सूर्य चमकना है,
शिलाखंडों पर नखों से अपने, कालखंड को लिखना है।
सुगम नहीं पर मार्ग शिखर का, पग-पग पर पग फिसलेगा,
पथ को बाधित करने पर्वत, शैल बहुत से उगलेगा।


जिसमें साहस है डटने का, वो आगे बढ़ जायेगा,
नहीं परीक्षा का भय जिसको, वही सफलता पायेगा।
साहस क्षीण नहीं करना है, हटा शिलाएँ चढ़ जाना,
दृढ़ निश्चय से अवरोधों को, देकर धक्का बढ़ जाना।


चुनौतियों पर मनोबली के, प्रयत्न ही काम करेंगें
जो अनथक अनवरत चढ़ेंगें, वही शिखर पर पाँव धरेंगें।
भाव समर्पण का हो मन में, लक्ष्य में हो सत्य-निष्ठा
स्वर्णिम होगी आभा जय की, रहेगी युग-युग प्रतिष्ठा।


#मौलिक एवं अप्रकाशित

कुछ त्रुटियाँ जो पहले प्रयास में रह गईं थीं, उन्हें हटा कर और कुछ सुधार कर पुनः पब्लिश कर रहा हूँ :-

जिसे शिखर पर विजय प्राप्त कर, बनकर सूर्य चमकना है,
चट्टानों पर नाखूनों से, कालखंड को लिखना है।

चुनौतियों पर मनोबली का, केवल श्रम काम करेगा
जो अनथक अनवरत चढ़ेगा, शिख पर वो पाँव धरेगा।

भाव समर्पण का हो मन में, प्रयासों में पूर्ण निष्ठा
स्वर्णिम होगी आभा जय की, रहेगी युग-युग प्रतिष्ठा।

आदरणीय  अजय जी, कुकुभ छंद में आपकी प्रस्तुति मुझे अच्छी लगी  ! लेकिन चौथे छंद की तीसरी और  चौथी पक्ति के पदान्त मुझे नियमानुसार नहीं लगे  ! दोनों ही पंक्तियाँ  के पदान्त  निष्ठा और " प्रतिष्ठा दो- दो गुरु नहीं है !

अत: अशुद्ध जान पड़े!

चेतन जी मैं आपसे छोटा हूँ। अतः आदरणीय न कहें। आप सब से आशीर्वाद पाना मैं अपना सौभाग्य समझता हूँ। कविता को अपना प्रोत्साहन और मार्गदर्शन देने का आभार।

निष्ठा और प्रतिष्ठा का मात्रा भार क्रमशः २२ और १२२ मुझे जान पड़ता है। किंतु यदि ऐसा नहीं है तो इसे बदल लूँगा।

आदरणीय अजय गुप्ता ’अजेय’ जी

सदस्यों के प्रति आदरणीय या आदरणीया का सम्बोधन प्रयुक्त किया जाना इस पटल की परंपरा के अनुरूप है. कोई वेशेष रूप से अनुज हो तो भी उसके नाम के साथ भाई जैसा आत्मीय संज्ञा का प्रयोग किये जाने की परंपरा है. 

अतः इसे अन्यथा न लें. 

आदरणीय अजय जी

चित्रानुकूल हिम्मत और आत्मबल का भाव लिये सटीक शब्दावली के साथ सार्थक छंद रचे हैं आपने।हार्दिक बधाई। कुछ जगह लय बाधित अवश्य लगी है।

बहुत आभार प्रतिभा जी। बेशक़ कहीं कहीं लयभंग है। इसे दुरुस्त करने का प्रयास रहेगा।

आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त चित्रानुरूप सुन्दर, उत्साहवर्धक छन्द हुए हैं। हार्दिक बधाई।

निष्ठा व तिष्ठा मेरी समझ के अनुसार बलाघात के कारण २२ की गणना हो रही है।  शेष सही मार्गदर्शन आ. भाई सौरभ जी ही कर पायेंगे। शुभ शुभ...

शुक्रिया लक्ष्मण भाई 

आदरणीय लक्ष्मण भाई जी, निष्ठा और प्रतिष्ठा के प्रयोग से नियमानुसार पदांत होता है. अतः रचना में ऊक्त शब्दो के प्रयोग से कोई दोष उत्पन्न नहीं हो रहा है. 

आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। मैं भी आ. चेतन जी की टिप्पणी का जवाब देते हुए बता रहा था कि पदान्त ठीक है। और आपका मार्गदर्शन चाह रहा था। सादर...

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"आदरणीय रामबली जी बहुत ही उत्तम और सार्थक कुंडलिया का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई सर"
18 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
" जी ! सही कहा है आपने. सादर प्रणाम. "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, एक ही छंद में चित्र उभर कर शाब्दिक हुआ है। शिल्प और भाव का सुंदर संयोजन हुआ है।…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"अवश्य, आदरणीय अशोक भाई साहब।  31 वर्णों की व्यवस्था और पदांत का लघु-गुरू होना मनहरण की…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, आपने रचना संशोधित कर पुनः पोस्ट की है, किन्तु आपने घनाक्षरी की…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी   नन्हें-नन्हें बच्चों के न हाथों में किताब और, पीठ पर शाला वाले, झोले का न भार…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति व स्नेहाशीष के लिए आभार। जल्दबाजी में त्रुटिपूर्ण…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आयोजन में सारस्वत सहभागिता के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी। शीत ऋतु की सुंदर…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"शीत लहर ही चहुँदिश दिखती, है हुई तपन अतीत यहाँ।यौवन  जैसी  ठिठुरन  लेकर, आन …"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सादर अभिवादन, आदरणीय।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सभी सदस्यों से रचना-प्रस्तुति की अपेक्षा है.. "
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service