प्रतियोगिता परिणाम: "चित्र से काव्य तक" अंक-१४
नमस्कार साथियों,
"चित्र से काव्य तक" अंक -१४ प्रतियोगिता से संबधित निर्णय आपके समक्ष प्रस्तुत करने का समय आ गया है | हमेशा की तरह इस बार भी प्रतियोगिता का निर्णय करना अत्यंत दुरूह कार्य था जिसे हमारे निर्णायक-मंडल नें अत्यंत परिश्रम से संपन्न किया है |
दोस्तों ! लुप्तप्राय कला कठपुतली पर आधारित इस बार का चित्र भी अपने आप में अद्वितीय था जिसमें शरद ऋतु में कठपुतलियों को स्पर्श करते हुए इस मासूम की उदास आँखें बहुत कुछ बयां कर रही हैं | लगातार तीन दिनों तक चली इस प्रतियोगिता के अंतर्गत आयी हुई ६९४ रिप्लाईज के माध्यम से हमारे छन्द्कारों ने इस चित्र को विभिन्न छंदों के माध्यम से स्वरूचि अनुसार विभिन्न आयामों में चित्रित कर दिखाया है | इस हेतु सभी ओ बी ओ सदस्य बधाई के पात्र हैं |
इस बार की प्रतियोगिता का आगाज़ श्री संदीप कुमार पाटिल के शानदार दोहों से हुआ| जिनमें प्रतिक्रियाओं की बाढ़ सी आ गयी......... तद्पश्चात इस प्रतियोगिता के अंतर्गत अधिकतर दोहा कुंडलिया , हरिगीतिका, चौपाई, सोरठा व दुर्मिल सवैया आदि अनेक विधाओं में छंद प्रस्तुत किये गये, पिछली बार की तरह इस बार भी प्रतिक्रियाओं में छंदों की कुछ ऐसी रसधार बही कि सभी कुछ छंदमय हो गया| इस प्रतियोगिता में समस्त प्रतिभागियों के मध्य, आदरेया डॉ० प्राची सिंह, राजेश कुमारी जी, आदरणीय योगराज प्रभाकर , सौरभ पाण्डेय, अरुण कुमार निगम, धर्मेन्द्र शर्मा जी, आदरणीय गणेश जी बागी व अरुण कुमार निगम, प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा, व संदीप कुमार पाटिल आदि ने अंत तक अपनी बेहतरीन टिप्पणियों के माध्यम से सभी प्रतिभागियों व संचालकों के मध्य परस्पर संवाद कायम रखा तथा तथा प्रतिक्रियाओं में छंदों का खुलकर प्रयोग करके इस प्रतियोगिता को और भी रुचिकर व आकर्षक बना दिया | आदि नें भी प्रतियोगिता से बाहर रहकर मात्र उत्साहवर्धन के उद्देश्य से ही अपनी-अपनी स्तरीय रचनाएँ पोस्ट कीं जो कि सभी प्रतिभागियों को चित्र की परिधि के अंतर्गत ही अनुशासित सृजन की ओर प्रेरित करती रहीं, साथ-साथ सभी नें अन्य साथियों की रचनायों की खुले दिल से निष्पक्ष समीक्षा व प्रशंसा भी की जो कि इस प्रतियोगिता की गति को त्वरित करती रही | पीछे-पीछे यह खाकसार भी इन सभी विद्वानों की राह का अनुसरण करता रहा....
आदरणीय आलोक सीतापुरी, श्री संजय मिश्र हबीबजी, व आदरेया डॉ० प्राची सिंह, आदरणीय अविनाश बागडे, आदरणीय आलोक सीतापुरी, तथा आदरणीय धर्मेन्द्र शर्मा जी के अद्भुत छंद तथा आदरणीय योगराज प्रभाकर जी, आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी, के साथ ही आदरणीय प्रदीप सिंह कुशवाहा जी की काव्यात्मक टिप्पणियों ने प्रतियोगिता के उत्साह को न केवल दुगुना किया बल्कि सदस्यों का मार्ग भी प्रशस्त किया. आदरणीय संजय मिश्र हबीब जी के अनुसार दोहों के शिल्प पर हुई अभूतपूर्व और ज्ञानवर्धक चर्चा तो हमेशा याद रह जाने वाली है |
प्रसन्नता की बात यह भी है कि यह प्रतियोगिता छंदबद्ध होकर अपेक्षित गुणवत्ता की ओर अग्रसर हो रही है........... संभवतः वह दिन दूर नहीं..... जब ओ बी ओ पर मनचाही विधा में मनभावन छंदों की चहुँ ओर बरसात होगी |
इस यज्ञ में काव्य-रूपी आहुतियाँ डालने के लिए समस्त ओ बी ओ मित्रों का हार्दिक आभार...
प्रतियोगिता का निर्णय कुछ इस प्रकार से है...
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प्रथम पुरस्कार रूपये १००१/- व प्रमाण पत्र
प्रायोजक :-Ghrix Technologies (Pvt) Limited, Mohali
A leading software development Company
प्रथम स्थान : पर श्री अरुण कुमार निगम जी की कुंडलिया प्रतिष्ठित है |
(१)
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जिज्ञासा यह बाल मन ,कठपुतली निर्जीव
कैसे नाचे मंच पर , अभिनय करे सजीव
अभिनय करे सजीव , लगाए लटके ठुमके
पग पैंजन झंकार , झमाझम झमके झुमके
कहे अरुण कविराय , जिन्दगी खेल तमासा
लेकिन मुश्किल काम,शांत करना जिज्ञासा .
--अरुण कुमार निगम
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द्वितीय पुरस्कार रुपये ५०१/- व प्रमाण पत्र
प्रायोजक :-Ghrix Technologies (Pvt) Limited, Mohali
A leading software development Company
द्वितीय स्थान ; पर श्री राजेंद्र स्वर्णकार द्वारा सृजित हरिगीतिका विराजमान हैं |
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कठपुतलियों ! फिर भी भली तुम आदमी की जात से !
जो… पेश आता छल-कपट से , नीचता से , घात से !
अनजान जो… औरों के ग़म से , दर्द से , जज़बात से !
जो… ढूंढ़ता ख़ुद का भला , हर बात से , बेबात से !
--राजेंद्र स्वर्णकार
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तृतीय पुरस्कार रुपये २५१/- व प्रमाण पत्र
प्रायोजक :-Rahul Computers, Patiala
A leading publishing House
तृतीय स्थान : श्री दिनेश रविकर की कुंडलिया को जाता है |
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बालक सोया था पड़ा, माँ-बापू से खीज |
मेले में घूमा-फिरा, मिली नहीं पर चीज |
मिली नहीं पर चीज, करे पुरकस नंगाई |
नटखट नाच नचाय, नींद निसि निश्छल आई |
हो कठपुतली नाच, मगन मन जागा गोया ।
डोर कौतिकी खींच, करे खुश बालक सोया ||
--दिनेश रविकर
प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान के उपरोक्त सभी विजेताओं को सम्पूर्ण ओ बी ओ परिवार की ओर से हार्दिक बधाई व साधुवाद...
उपरोक्त प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान के विजेताओं की रचनाएँ आगामी "चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता अंक-१५ के लिए प्रतियोगिता से स्वतः ही बाहर होगी | ‘चित्र से काव्य तक’ प्रतियोगिता अंक-16 में वे पुनः भाग ले सकेंगे !
जय ओ बी ओ!
अम्बरीष श्रीवास्तव
अध्यक्ष,
"चित्र से काव्य तक" समूह
ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार
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तीनों सम्माननीय विजेताओं सर्व श्री अरुण निगम जी, राजेन्द्र स्वर्णकार जी एवं दिनेश रविकर जी को सादर बधाईया....
//संभवतः वह दिन दूर नहीं..... जब ओ बी ओ पर मनचाही विधा में मनभावन छंदों की चहुँ ओर बरसात होगी// ... एकदम सच्ची बात कही आदरणीय अंबरीश भईया.... गुरुजनों के मार्गदर्शन और सभी सम्माननीय सदस्यों के समवेत प्रयास से घटाएँ घुमड़ आई हैं, अब ओ बी ओ के आँगन में मूसलाधार बारिश होनी ही है....
जय ओ बी ओ
स्वागत है भ्राता संजय जी ! एवमस्तु !
संजय भाई , ह्रदय से आभार .
श्री अरुण निगम जी, श्री राजेन्द्र स्वर्णकार जी एवं श्री दिनेश रविकर जी आप तीनों को शानदार सफलता पर हार्दिक बधाइयाँ
धन्यवाद डॉक्टर सूरज साहब.
1-श्री अरुण कुमार निगम जी की कुंडलिया....प्रथम(कहे अरुण कविराय , जिन्दगी खेल तमासा
लेकिन मुश्किल काम,शांत करना जिज्ञासा .)
2-श्री राजेंद्र स्वर्णकार की हरिगीतिका ....द्वितीय.
3-श्री दिनेश रविकर की कुंडलिया.....तृतीय
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प्रायोजक :-Ghrix Technologies (Pvt) Limited, Mohali &
Rahul Computers, Patiala........AABHAR.
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"चित्र से काव्य तक"समूह( अंक -१४ प्रतियोगिता) के अध्यक्ष,अम्बरीष श्रीवास्तव..व...निर्णायक-मंडल....बधाई व साधुवाद...
स्वागत है आदरणीय बागडे साहब ! आपका हार्दिक आभार मित्र !
अविनाश जी , ह्रदय से आभार.
मेष तुला और मीन का सुन्दर ये संसार
स्वागत है आदरणीय प्रदीप जी, बहुत सुन्दर प्रयास किया है आपने ! शिल्प व गेयता की दृष्टि से यदि आप चाहें तो इसे कुछ यूं भी कह सकते हैं
//मेष तुला और मीन का, सुन्दर ये संसार.
इसे आगे बढाकर रोले का रूप भी दिया जा सकता है ! सादर
सादर
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