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संस्कार और उसका मनोवैज्ञानिक आधार - चिंतनमहा प्रभु वल्लभाचार्य का कथन है – जीवाः स्वभावन्तो दुष्टाः , अर्थात जीव स्वभाव से ही दुष्ट प्रकृति का होता है दोषपूर्ण प्रवृत्तियों के कारण… Started by annapurna bajpai |
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Sep 25, 2013 Reply by Vindu Babu |
SPIRITUAL JOURNEYSPIRITUAL JOURNEY Any pursuit has to be methodical, and '… Started by vijay nikore |
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Sep 24, 2013 Reply by Vindu Babu |
We are more like our own Mummies than our Real Selves!We have got stuck with the dead religion. So we face the music and dance to its deadly tunes (प्रेतगान के सुरताल पे थिरकने जैसा): we are gr… Started by राज़ नवादवी |
0 | Sep 23, 2013 |
SadhanaSADHANA In its simplest definition, Sadhana is dedication to a pursuit or a goal, e.g. a student trying to excel in studies, a mother t… Started by vijay nikore |
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Sep 23, 2013 Reply by vijay nikore |
सृष्टि की रचना कर ईश्वर ने मुसीबत मोल ले ली: राज़ नवादवीक्या सृष्टि की रचना कर ईश्वर ने एक बहुत बड़ी मुसीबत मोल ले ली? महान संतों की बात मानें तो ठीक-ठीक यह बता पाना संभव नहीं है कि ब्रहामंड में… Started by राज़ नवादवी |
0 | Sep 17, 2013 |
ARE DHARMA AND RELIGION SAME ?ARE DHARMA AND RELIGION SAME ? In its broadest definition, Dharma is moral ideal. The scope of definition… Started by vijay nikore |
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Sep 12, 2013 Reply by Vindu Babu |
Raz Nawadwi: In the Labyrinth of My Mystical Alleys-7 (मेरी रहस्यवादी वीथी के व्यामोह में-७) 'मूर्तिपूजा क्या है?'मूर्तिपूजा क्या है? ------------------- संतों ने स्पष्ट कहा है कि "सिर्फ मूर्तिओं की उपासना ही मूर्तिपूजा नहीं है. यदि कोई व्यक्ति अपनी आ… Started by राज़ नवादवी |
0 | Aug 28, 2013 |
Raz Nawadwi: In the Labyrinth of My Mystical Alleys-6 (मेरी रहस्यवादी वीथी के व्यामोह में-६)Truth is truth and its raison d'etre cannot be ascribed to a particular religion, caste, or creed which are human make-ups, view-points, an… Started by राज़ नवादवी |
0 | Aug 26, 2013 |
"जो कुछ बोल रहे हो निःस्वार्थ भाव से ही न "“जो कुछ बोल रहे हो निःस्वार्थ भाव से ही न” मंदिर का घंटा बजते हुए एक भद्र पुरुष ने परमात्मा की मूरत के सामने हाथ जोड़ कर अंखे बंद कर लीं और… Started by annapurna bajpai |
0 | Aug 7, 2013 |
Raz Nawadwi: In the Labyrinth of My Mystical Alleys-5 (मेरी रहस्यवादी वीथी के व्यामोह में-५)Everything originates at first at the level of a whim or an idea which gets translated into grosser forms at an opportune time. Ideation le… Started by राज़ नवादवी |
0 | Aug 7, 2013 |
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