"सुनो !! आज दो लीटर दूध और लेकर आना , बाबूजी का श्राद्ध करना है," ममता ने अपने पति रोहन से कहा ।
"ठीक है, ले आऊंगा," ये कहकर रोहन दूध लेने चला गया।
"चलो सोनू बेटा जल्दी करो! आज पाँच ब्राह्मणों को भोजन कराना है ;फटाफट नहा कर आओ! क्योंकि श्राद्ध तुम्हारे हाथ से होगा,"ये कहते हुए वो रसोई में विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाने में व्यस्त हो गई।
"मम्मा ये श्राद्ध हम क्यों कर रहे हैं ?" सोनू ने पूँछा।
"ये करने से तुम्हारे दादू हमें आशीर्वाद देंगे," हमारे घर में सम्पन्नता…
ContinuePosted on September 8, 2020 at 12:00pm — 5 Comments
शिक्षक है एक कुम्भकार और शिल्पकार
हम गीली मिट्टी देता हमे वो आकार
उसने ही अच्छे बुरे का ज्ञान करवाया
जीवन रूपी भंवर में कैसे है तैरना
ये मेरे गुरु ने मुझे सिखलाया
जैसे नदी में एक नाव माझी बिना
वैसे ही अज्ञानी हम शिक्षक बिना
जिंदगी में उसने हमें सही मुक़ाम पर पहुंचाया
जीवन रूपी भंवर में कैसे है तैरना
ये मेरे गुरु ने मुझे सिखलाया
उसने कभी कुछ नहीं हमसे माँगा
आगे बढ़ता देख हमें वो फूला न समाया …
ContinuePosted on September 4, 2020 at 11:00am — 6 Comments
बह्रे-रमल मुसद्दस सालिम
2122 / 2122 / 2122
यूँ ख़यालों में सनम आने लगे हैं
दिल को मेरे अब वो महकाने लगे हैं [1]
देखते हैं मेरी जानिब इस तरह से
राज़-ए-दिल जैसे वो बतलाने लगे हैं [2]
इश्क़ से अंजान हैं जो लोग अब तक
है मुहब्बत क्या ये समझाने लगे हैं [3]
वो सियासत-दाँ वतन जिनको था सौंपा
देश की मीरास बिकवाने लगे हैं [4]
वो रहा करते हैं आँखों में कुछ ऐसे
जागते में ख़्वाब दिखलाने लगे हैं…
ContinuePosted on August 13, 2020 at 9:47pm — 12 Comments
राखी
"अभी आ जाएगी तुम्हारी लालची बहन हमारा बजट ख़राब करने,क्या उसे नही पता? लोकडाउन के कारण हमारी आर्थिक हालत ठीक नहीं है? अब उसका बोझ भी उठाना पड़ेगा और राखी का उपहार भी देना पड़ेगा ,"भाभी मेरे भाई से कह रही थी।
"अरे मीनू ऐसे क्यों बोल रही हो? दीदी बहुत समझदार हैं ।इस बार उन्हें हम कोई घर में रखा कोई सूट या साड़ी दे देंगे।"
"मेरी बात ध्यान से सुन लो ! मैं अपना कोई सूट उन्हें नहीं देने वाली,वो मुझे अपने मायके से मिले हैं।" मेरा भाई लाचार सा खड़ा ये सब सुन रहा था। मैं दरवाजे…
Posted on August 2, 2020 at 3:16pm — 6 Comments
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