For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Rachna Bhatia
Share on Facebook MySpace

Rachna Bhatia's Friends

  • Aazi Tamaam
  • अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी
  • DR ARUN KUMAR SHASTRI
 

Rachna Bhatia's Page

Latest Activity

Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"सुप्रभात सर्।"
5 hours ago
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, इशारों इशारों में अपना बहुत खूब संदेश दिया है। बधाई स्वीकार करें। मैं जनाब शेख़ उस्मानी जी से भी सहमत हूँ क्योकि लघुकथा के अनुसार परछाईं युवती के मस्तिष्क में उभरी जहाँ से अवसर और चुनौती ने जन्म लिया। मेरा मानना है कि यह…"
May 30
Rachna Bhatia commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की
"आदरणीय नीलेश नूर जी नमस्कार। बेहतरीन ग़ज़ल हुई है।बधाई स्वीकार करें।"
May 29
Rachna Bhatia commented on Rachna Bhatia's blog post ग़ज़ल - मुझे ग़ैरों में शामिल कर चुका है
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी नमस्कार। भाई हौसला बढ़ाने के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
May 29
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Rachna Bhatia's blog post ग़ज़ल - मुझे ग़ैरों में शामिल कर चुका है
"आ. रचना बहन, सादर अभिवादन। सुन्दर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
May 28
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीय संजय शुक्ला जी, नमस्कार। तरही मिसरे पर बेहतरीन ग़ज़ल हुई है। हार्दिक बधाई स्वीकारें।"
May 27
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"भाई लक्ष्मण धामी जी नमस्कार।, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें ।"
May 27
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीय ज़ैफ़ जी नमस्कार।तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल के लिए  बधाई स्वीकार करें ।"
May 27
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीय जयनित कुमार मेहता जी नमस्कार।तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें ।"
May 27
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीय नादिर जी नमस्कारअच्छी ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार कीजिये ।"
May 27
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीय अजय जी नमस्कार।  गुणीजनों द्वारा दी गई बेहतरीन इस्लाह के बाद ग़ज़ल बेहतरीन हो गई है।बधाई स्वीकारें।"
May 27
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीय निलेश 'नूर' जी नमस्कार। तरही मिसरे पर उम्द: ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें ।"
May 27
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीय अमित जी नमस्कार ‌।आपके कहे अनुसार सुधार करने का प्रयास किया है। आपसे और आदरणीय समर कबीर सर्, से निवेदन है कि एक बार सुधारों पर भी अपनी इस्लाह दें। अग्रिम धन्यवाद। 2 चुपके से राह हम बदलते हैं  आप जब बाम पर टहलते हैं 3 उनकी बाहों के…"
May 27
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आ ऋचा जी नमस्कार ‌‌‌आपने बिल्कुल सही कहा। हार्दिक धन्यवाद ‌"
May 27
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी नमस्कार।आपका हार्दिक आभार।"
May 27
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीय सर् सादर नमस्कार ‌। सर् आवश्यक सुधार करने का प्रयास करती हूँ ‌‌‌‌‌‌‌सादर।"
May 27

Profile Information

Gender
Female
City State
Delhi
Native Place
Delhi
Profession
Teacher
About me
nothing special... just start my journey ....

Rachna Bhatia's Blog

ग़ज़ल - मुझे ग़ैरों में शामिल कर चुका है

2122 2122 2122

1

वो ज़रा-सा सिरफ़िरा कुछ मनचला है

जो महब्बत के सफ़र पर चल पड़ा है

2

मेरे दिल ने जो कहा मैंने किया है

काम फिर चाहे वो अच्छा या बुरा है

3

अक़्स आँखों में हमारी जो छिपा है

इस जहाँ के सबसे प्यारे शख़्स का है

4

है महब्बत एक चिंगारी कुछ ऐसी

दिल लगाने वाला ही इसमें जला है

5

बाद मुद्दत के मिला उससे तो जाना

वो मुझे ग़ैरों में शामिल कर चुका है 

6

कुछ कहे बिन और…

Continue

Posted on May 17, 2023 at 11:30am — 7 Comments

आलेख - माँ की देखभाल औलाद की नैतिक जिम्मेदारी

माँ की देखभाल औलाद की नैतिक जिम्मेदारी

गाज़ियाबाद। इंदिरा चौधरी ने 85 साल की उम्र में जिस इकलौते बेटे की पैरवी करके जमानत कराई, उसे उन्होंने अकेले पाँच वर्ष की उम्र से पाला था। वह जब जेल से बाहर आया तो मां को साथ रखने के बजाय वृद्धाश्रम में छोड़ गया। वह बताती हैं कि वह वाराणसी में बेटे-बहू के साथ ही रह रही थीं। एक दिन अचानक बेटा बहू और पोते को लेकर लापता हो गया। पता चला कि वह जिस कंपनी में काम करता था, वहीं गबन कर गया। कंपनी के केस दर्ज कराने के बाद पुलिस ने उसे तिहाड़ जेल में…

Continue

Posted on March 9, 2023 at 10:17am — 5 Comments

ग़ज़ल - मेरे घर आज आ रहा है कोई

2122 1212 22

1

सोये जज़्बे जगा रहा है कोई 

दिल प हौले से छा रहा है कोई 

2

नज़रों से मय पिला रहा है कोई

मुझको मुझसे चुरा रहा है कोई

3

चाँद तारो न उम्र भर जाना

मेरे घर आज आ रहा है कोई

4

चन्दा कुछ देर ओढ़ ले बदरी

छत प मुझको बुला रहा है कोई

5

मुस्कुराहट सजा के होटों पर

इश्क करना सिखा रहा है कोई 

6

लौटना अपना मुस्तरद*करके

मेरा ओहदा बढ़ा रहा है…

Continue

Posted on March 8, 2023 at 8:17pm — 4 Comments

सदा - क्यों नहीं देते

221--1221--1221--122

1

आँखों में भरे अश्क गिरा क्यों नहीं देते

है दर्द अगर सबको बता क्यों नहीं देते

2

है जुर्म मुहब्बत तो सज़ा क्यों नहीं देते

गर रोग है तो इसकी दवा क्यों…

Continue

Posted on January 16, 2023 at 1:30pm — 14 Comments

Comment Wall

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

  • No comments yet!
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ravi Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदाणीय मुनीश जी तरही मिसरे पर ग़ज़ल की उम्दा कोशिश हुई है बधाई ।"
40 seconds ago
Ravi Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदाणीय चेतन प्रकाश जी तरही मिसरे पर उम्दाकोशिश हुई है बधाई ।"
2 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आ. Nahak जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है। बधाई स्वीकार करें। सादर।"
2 minutes ago
Ravi Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीय अमीर साहब  उम्दा ग़ज़ल कही आपने दूसरा शेर रवायती अंदाज में बहुत अच्छा लगा छठे शेर में…"
3 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आ. Munish जी, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास रहा। अमित जी के सुझाव भी ख़ूब। सादर।"
5 minutes ago
Ravi Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीय संजय जी ग़ज़ल के लिये बधाई स्वीकार करें 5 वें शेर के उला मिसरे में की को कि करने की ओर…"
7 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आ. अमीर जी, हमेशा की तरह अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकारें। सादर।"
9 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"ग़ज़ल ------- जाने की जानां वजह ये बतला गई मुझेतेरी शरीर नज़रों से लाज आ गई मुझे सौ साल उम्र में थे…"
10 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आ. संजय जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है। गुणीजन की इस्लाह से निखार आएगा। बधाई स्वीकारें। सादर।"
11 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"221 2121 1221 212 नाशाद ज़िंदगी थी, सो ठुकरा गई मुझे फ़ुर्क़त-नसीबी की यूँ घुटन खा गई मुझे मुझको…"
35 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीय munish tanha जी आदाबग़ज़ल वक़्त और मश्क़ चाहती है।मिसरों को परिपक्वता से कहने की आवश्यकता…"
52 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदाब, अमित जी, आप आदतन जिस तरह शेर दर शेर समीक्षा करते है, उसी तरह तबसिरा करें, कृपया !"
1 hour ago

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service