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मेरे पिता
पिता शब्द स्वयं अपने आप में बजनदार होता हैं। हाथ की दसों उंगलियों की तरह हर पिता का व्यक्तित्व अलग होता हैं। पिता को परिभाषित किया जा सकता हैं, उपमानों से अलंकारित किया जा सकता हैं पर रेखांकित नही किया जा सकता।बस,उम्मीद की जा सकती हैं कि हमारे पिता बहुत अच्छे हैं, बस थोड़े-से ऐसे और होते। सभी बच्चों के पिता उनके हीरो होते हैं। ऐसे ही मेरे पिता मेरे किसी सुपरमेन से कम नहीं हैं, हरफनमौला हैं। बचपन से मैंने उनका सख्त चेहरा,कठोर अनुशासनबद्ध,जुझारूपन देखा हैं। मितभाषी हम सब के…
ContinuePosted on June 21, 2020 at 3:03pm — 1 Comment
फूल-सी सुकोमल,सुकुमारी
कौन-सा फूल तेरी बगिया की
न्यारी-प्यारी माँ-बाबा की दुलारी
मुस्कराती ,बाबा फूले ना समाते
फूल-से झङते माँ होले-से कहती
पर दादी झिङकती-फूल कोई-सा होवे
पर सिर पर ना ,चरणों में चढाये जावे
उस समय कोमल मन को समझ ना आई
जब किसी के घर गुलदान की शोभा बनी
तब बात समझ आई
नकारा,छटपटाई,महकना चाहती थी
टूटकर अस्तित्वहीन नहीं होना था
पर असफल रही,दल-दल छितर-बितर गया
सोचती,मैं फूल तो हूँ
चंपा,चमेली,चांदनी,पारिजात नहीं
गुलाब…
Posted on April 21, 2020 at 4:32pm
जीवन का कर्फ्यू
रोजमर्रा की तरह टहलते हुये रामलाल उद्यान में गोपाल से मिला तो उसके चेहरे की झाईयां से झलकती खुशी कुछ और ही बयां कर रही थी।इससे पहले मैं कुछ पूछता कि उसने कहा, 'यार,कल जैसा दिन गुजारे जमाना हो गया।'
'पर यार कल तो कर्फ्यू लगा था।न किसी से मिलना-जुलना हुआ।कितना बोरियत भरा दिन था?'
'तेरे लिए था।पर इसने मेरी जिन्दगी के कर्फ्यू को हटा दिया।'
'कुछ समझा नही?'प्रश्न भरी निगाह से रामलाल ने गोपाल की तरफ देखकर कहा।
गोपाल ने पास पङी बेंच पर उससे बैठने का इशारा…
Posted on March 22, 2020 at 11:33pm — 2 Comments
परिचय
मेला प्रांगण में आयोजित बारहवाँ साहित्य सम्मेलन में देशभर के साहित्यकारों का जमावड़ा लगा हुआ था,जिसमें माननीय राज्यपाल के करकमलों से पुस्तक का विमोचन किया जाना था.
आगंतुकों में शहर के प्रतिष्ठित,मनोहर बाबू भी विशिष्ठजन की पंक्ति मंं विराजमान थे.शीघ्र ही मंच पर राज्यपाल की उपस्थित से सन्नाटा खिंच गया.औपचारिकताओं के पश्चात,जिस लेखक की किताब ‘मेरा परिचय’का अनुमोदन किया जाना था,उसे संबोधित कर मंच पर आने का आग्रह किया गया.तो सभी की उत्सुकता में एकटक निगाहें मंचासीन होने वाले के…
Posted on March 4, 2019 at 10:45pm — 7 Comments
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