For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

mirza javed baig
  • Male
  • madhya pradesh
  • India
Share on Facebook MySpace

Mirza javed baig's Friends

  • Mohammed Arif
  • Sheikh Shahzad Usmani
  • Ravi Shukla
  • Samar kabeer

mirza javed baig's Groups

 

mirza javed baig's Page

Latest Activity

mirza javed baig replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-109
"जनाब वासूदेव जी आदाब शानदार ग़ज़ल के लिए मुबारक बाद "
Jul 27, 2019
mirza javed baig replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-109
"आदर्णीय बुआ जी आदाब खूबसूरत ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई। "
Jul 27, 2019
mirza javed baig replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-109
"नादिर खान साहब आदाब  शानदार ग़ज़ल के लिए मुबारकबाद  इस्लाह पर संझान लें"
Jul 27, 2019
mirza javed baig replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-109
"अमित जी आदाब प्रयासरत रहें सफ़लता ज़रूर मिलेगी हार्दिक बधाई। "
Jul 27, 2019
mirza javed baig replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-109
"नवीन जी आदाब  ग़ज़ल के उम्दा प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें"
Jul 27, 2019
mirza javed baig replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-109
"ग़ज़ल के शानदार प्रयास और फ़ीता काटने के लिए अनेकानेक बधाइयाँ  गमुहतरम समर साहब की इस्लाह के बाद खूबसूरती में चार चांद लग गए"
Jul 27, 2019
mirza javed baig replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-106
"जनाब दण्डपानी जी आदाब  प्रयासरत रहें असातज़ा के राब्ते में रहें  ग़ज़ल के प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें"
Apr 27, 2019
mirza javed baig replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-106
"जनाब लक्ष्मण धामी जी आदाब उम्दा प्रयास के लिए बधाई मेरे ख़याल से पोस्टकरने से पहले ही इस्लाह करा ली जाए तो मुशायरे की ख़ूबसूरती में और ज़्यादा इज़ाफ़ा हो जाए सादर"
Apr 27, 2019
mirza javed baig replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-106
"जनाब राज़ साहिब आदाब  उम्दा ग़ज़ल के लिए दिली मुबारक बाद "
Apr 27, 2019
mirza javed baig replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-106
"उम्दा ग़ज़ल के लिए दिली मुबारकबाद मुहतरमा अंजली जी जिस शैर पर गुफ़तुगू हुई " शर्त आख़री" उसके लिए ख़ुसूसी मुबारकबाद इस्लिए कि वो शैर हासिल ए ग़ज़ल शैर है  और इस्लिए भी के उस शैर की वजह से हमें भी सीखने को मिला"
Apr 27, 2019
mirza javed baig replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-106
"जनाब अनीस शेख़ साहिब आदाब  शानदार ग़ज़ल के लिए मुबारकबाद  मेरा ख़याल है सुधार के बाद ग़ज़ल की ख़ूबसुरती में मज़ीद इज़ाफ़ा होगा"
Apr 27, 2019
mirza javed baig replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-106
"जनाब मुनीश तन्हा साहिब आदाब उम्दा अशआर के लिए बहुत बहुत मुबारक बाद "
Apr 27, 2019
mirza javed baig replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-106
"जनाब मनन जी आदाब  उम्दा प्रयास के लिए बधाई मुहतरम समर साहिब की इस्लाह पर तवज्जो फ़रमाएं"
Apr 27, 2019
mirza javed baig replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-106
"जनाब तस्दीक़ साहब आदाब उम्दा ग़ज़ल के लिए दिली मुबारक बाद "
Apr 27, 2019
mirza javed baig replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-106
"जनाब नादिर खान साहिब आदाब शानदार ग़ज़ल के लिए तहे दिल से मुबारकबाद "
Apr 27, 2019
mirza javed baig replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-106
"जनाब नवीन जी आदाब  ग़ज़ल के उम्दा प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें मुहतरम समर साहिब की इस्लाह का संझान लें "
Apr 27, 2019

Profile Information

Gender
Male
City State
ujjan (m.p)ा
Native Place
ujjain
Profession
building contractor

Comment Wall (3 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 6:22pm on May 17, 2025, Erica Woodward said…

I need to have a word privately,Could you please get back to me on ( mrs.ericaw1@gmail.com)Thanks.

At 5:26pm on October 5, 2018, Sheikh Shahzad Usmani said…

मंचीय मित्रता सूची में शामिल होने पर हार्दिक आभार और बधाई। सुस्वागतम अभिनंदन मुहतरम जनाब मिर्ज़ा जावेद बेग साहिब।

At 12:10pm on August 13, 2018, Samar kabeer said…

जनाब मिर्ज़ा जावेद बैग साहिब आदाब,ओबीओ के मंच पर आपका स्वागत है ।

Mirza javed baig's Blog

सबस्टिट्यूट (कहानी)

रमीज़ अपनी क्रिकेट टीम का बहतरीन विकेट कीपर बल्लेबाज होते हुए भी लगातार अपनी टीम के साथ नहीं खेल सका वजह थी टीम में पहले से एक सीनियर विकेट कीपर बल्लेबाज मोजूद था जब जब वो अनफ़िट होता या किसी और वजह से नहीं खेल पाता तब ही रमीज़ को टीम में खेलने का मोक़ा मिलता और रमीज़ उस मौक़े का भरपूर फायदा उठाते हुए उम्दा से उम्दा प्रदर्शन करता लेकिन बावजूद इसके भी सीनियर खिलाड़ी के आते ही अगले मेचों में फिर पहले की तरह रमीज़ को पेवेलियन में बेठकर मेच देखना पड़ता!

वक़्त गुज़रता रहा अब रमीज़ ने…

Continue

Posted on November 9, 2018 at 10:00pm — 11 Comments

नज़्म (मेरे अब्बू) मरहूम के नाम

  1. किस क़दर तल्ख़ियां हैं दुनिया में

नीम रिश्तों में जेसे दर आया

हर तरफ़ तीरगी सी फेली है

रूह घायल है और सहमी है

अपका साथ अब न होने से 

ज़िन्दगी जैसे एक मक़तल है 

और मक़तल में मैं अकेला हूं

ज़िन्दगी की तवील राहों में

ख़ुद को बेआसरा सा पाता हूँ 

साथ एसे में राहबर भी नहीं 

दिल की मेहफ़िल में रोशनी भी नहीं 

रूह में कोई ताज़गी भी नहीं 

मैं हूँ बेआसरा सा सहरा में

ढ़ूंढ़ता हूं वही…

Continue

Posted on October 3, 2018 at 12:30am — 24 Comments

मिर्ज़ा ग़ालिब की ज़मीन में एक कोशिश ।

'भर के आँखों में नमी लहज-ए-साइल बाँधा ।

उनसे मिलने जो चला साथ ग़म ए दिल बाँधा ।

उनकी तशबीह सितारों से न अशआर में दी ।

उनके रुख़सार पै जो तिल था उसे तिल बाँधा ।

मैं भँवर से तो निकल आया मगर मैरे लिए ।

एक तूफ़ान भी उसने लबे साहिल बाँधा ।

हौसले पस्त हुए पल में मिरे क़ातिल के ।

तीर के सामने जब सीन-ए- बिस्मिल बाँधा ।

लुत्फ़ अंदोज़ है "जावेद"तग़ज़्ज़ल कितना ।

हमने मोज़ू ए…

Continue

Posted on August 31, 2018 at 12:59am — 12 Comments

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"सभी अशआर बहुत अच्छे हुए हैं बहुत सुंदर ग़ज़ल "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

पूनम की रात (दोहा गज़ल )

धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।जगमग है कण-कण यहाँ, शुभ पूनम की रात।जर्रा - जर्रा नींद में ,…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी

वहाँ  मैं भी  पहुंचा  मगर  धीरे धीरे १२२    १२२     १२२     १२२    बढी भी तो थी ये उमर धीरे…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"आ.प्राची बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"कहें अमावस पूर्णिमा, जिनके मन में प्रीत लिए प्रेम की चाँदनी, लिखें मिलन के गीतपूनम की रातें…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
Jul 12
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Jul 10
Admin posted discussions
Jul 8
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service