For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

pooja yadav
Share on Facebook MySpace

Pooja yadav's Friends

  • Hari Prakash Dubey
  • किशन  कुमार "आजाद"
 

pooja yadav's Page

Profile Information

Gender
Female
City State
alwar rajasthan
Native Place
uttar pradesh
Profession
student
About me
i believe in myself

Pooja yadav's Blog

लाल पानी (लघुकथा)

"तो बीबी जी कोनू जगह पक्की हुई सूट की?"

"जी, सरपंच जी।

वो जो बड़ के पेड़ के पास नदी है न, बस वहीँ नीतू के डूबने का सीन शूट करेंगे।"

"बीबी जी, बौराय गई हो का? हम तोहरा के पहले ही बतावत रहे अऊर एक बार फिर बताय देब, जब-जब उ नदी का पानी लाल होई जाई उहा मौजूद हर आदमी-औरत की मौत हुई जाई। सराप है उ नदी पे।"

"आप आज भी इन सब बातोँ पर यकीन करते हैँ?"

"तुम सहरी लोगन का यही तो प्राब्लम है कोनू की कछु नाही सुनत।"

अगले दिन सीन शूट होने लगा। अचानक नदी का पानी लाल हो गया।…

Continue

Posted on December 27, 2014 at 10:00pm — 6 Comments

आज़ाद

-"देखो ये लाल-पीले आकाश मेँ उड़कर जाते पंछी कितने प्यारे लगते हैँ न?"

-"हाँ, भइया। आप ठीक कहते हो। ", उसने कुछ बेरूख़ी से कहा।



-"पर तूने क्यूँ चहकना बन्द कर रखा है आजकल, मेरी चिरैया?

कुछ बता तो क्या बात है?"



-"अब भइया मैँ क्या कहूँ ? आप परेशान हो जाओगे।"



-"तू बता तो बाकी सब मुझ पर छोड़।"

"भइया मुझे हॉस्टल मेँ नही रहना। मेर दम घुटता है वहाँ। वो सारी लड़कियाँ मुझे डाँटती रहती हैँ मुझे बात भी नही करने देती उन्हे डिस्टर्ब होता है न।

मैँ बाहर भी नही… Continue

Posted on December 18, 2014 at 10:58am — 12 Comments

समझदारी

यूँ तो 17 बरस की उमर मेँ भी वो बड़ी भोली थी। उसकी हर बात मेँ अभी भी बचपना-सा था।

उसकी बातेँ कभी मुझे माता की गोद के समान आनन्दित कर देती तो कभी उसकी ज़िद खीझ उत्पन्न कर अपना गुस्सा उस पर उतार देने को विवश। अक्सर ही मैँ उसे कहता- "न जाने तुम कब बड़ी होओगी ?"

और वो मुस्कुरा कर कहती- "मै नही सुधरने वाली।"



आज पूरे दो साल बाद मैँ उससे मिलने वाला हूँ। जाने वो कैसी दिखती होगी? मुझे देखते ही मुझे मारने दौड़ पड़ेगी। खूब शिकायतेँ करेगी और भी न जाने क्या-क्या पूर्वानुमान लिए मैँ उससे…

Continue

Posted on December 6, 2014 at 7:30pm — 6 Comments

इंसान कौन?

एक नामी कॉलेज मेँ कोई मनचला एक लड़की के साथ बदतमीज़ी करने लगा और वो डरी सहमी होने के बाद भी विरोध करने का प्रयास कर रही थी, लेकिन नाकाम रही और वहाँ खड़े लोग मूकदर्शक बने तमाशे का आनन्द लेते रहे।

"ऐसे पचड़ोँ मेँ कोई भला क्यूँ पड़े?"

पर एक लड़के को जाने क्या पड़ी थी जो उस लड़के को पकड़कर एक थप्पड़ रसीद कर दिया। उस मनचले को ऐसा अप्रत्याशित व्यवहार असहनीय था। उसने झट से पलटवार किया। मामले को यूँ बढ़ता देख लोगोँ ने बीच-बचाव किया।



"आखिर इस दृश्य मेँ वह आनन्द कहाँ था?"

खैर, बला… Continue

Posted on December 2, 2014 at 12:02pm — 10 Comments

Comment Wall

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

  • No comments yet!
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"अनुज बृजेश , आपका चुनाव अच्छा है , वैसे चुनने का अधिकार  तुम्हारा ही है , फिर भी आपके चुनाव से…"
14 minutes ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"एक अँधेरा लाख सितारे एक निराशा लाख सहारे....इंदीवर साहब का लिखा हुआ ये गीत मेरा पसंदीदा है...और…"
54 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"//मलाई हमेशा दूध से ऊपर एक अलग तह बन के रहती है// मगर.. मलाई अपने आप कभी दूध से अलग नहीं होती, जैसे…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय जज़्बातों से लबरेज़ अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ। मतले पर अच्छी चर्चा हो रही…"
14 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 179 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
18 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"बिरह में किस को बताएं उदास हैं कितने किसे जगा के सुनाएं उदास हैं कितने सादर "
18 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"सादर नमन सर "
18 hours ago
Mayank Kumar Dwivedi updated their profile
20 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"धन्यवाद आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब.दूध और मलाई दिखने को साथ दीखते हैं लेकिन मलाई हमेशा दूध से ऊपर एक…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"धन्यवाद आ. लक्षमण धामी जी "
yesterday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय, बृजेश कुमार 'ब्रज' जी, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से…"
yesterday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आदरणीय निलेश शेवगाँवकर जी आदाब, एक साँस में पढ़ने लायक़ उम्दा ग़ज़ल हुई है, मुबारकबाद। सभी…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service