For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लाल पानी (लघुकथा)

"तो बीबी जी कोनू जगह पक्की हुई सूट की?"
"जी, सरपंच जी।
वो जो बड़ के पेड़ के पास नदी है न, बस वहीँ नीतू के डूबने का सीन शूट करेंगे।"
"बीबी जी, बौराय गई हो का? हम तोहरा के पहले ही बतावत रहे अऊर एक बार फिर बताय देब, जब-जब उ नदी का पानी लाल होई जाई उहा मौजूद हर आदमी-औरत की मौत हुई जाई। सराप है उ नदी पे।"
"आप आज भी इन सब बातोँ पर यकीन करते हैँ?"
"तुम सहरी लोगन का यही तो प्राब्लम है कोनू की कछु नाही सुनत।"
अगले दिन सीन शूट होने लगा। अचानक नदी का पानी लाल हो गया।
सेट पर अफरा-तफरी मच गई और सब वहाँ से जान बचाने भागे।
और अगले दिन कैमरे मेँ आदमखोर जानवरोँ का जो सच कैद हुआ था उसने नदी के श्राप को हमेशा के लिए मिटा दिया।

"पूजा"
"मौलिक एवं अप्रकाशित"

Views: 512

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by pooja yadav on December 30, 2014 at 8:13pm
Dhanywaad jitendra ji. .
Pratikriya ke liye saadar aabhaar. .
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on December 29, 2014 at 1:09pm

बहुत बढ़िया लघुकथा आदरणीया पूजा जी. वैसे आजकल अंधविश्वास कि घटनाएं कम ही देखने को मिल रही है. लघुकथा पर बधाई आपको

Comment by pooja yadav on December 28, 2014 at 8:15pm
Aap sabhi aadarneey pathak jano ka haardik aabhaar. .
Archna ji. .vyakti koi bhi ho adhikanshtah maatribhasha ka hi pryog karta h. . Saadar
Comment by Hari Prakash Dubey on December 28, 2014 at 8:09pm

आदरणीय पूजा जी ,उत्तम  रचना , हार्दिक बधाई आपको ! 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on December 28, 2014 at 6:50pm

इस लघुकथा के माध्यम से आपने अंधविश्वास पर चोट करने की कोशिश की है आपने इसे और बेहतर बनाया जा सकता है


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on December 28, 2014 at 1:50pm

आदरणीया पूजा जी कथा बहुत अच्छी हुई है आपको हार्दिक बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"अनुज बृजेश , आपका चुनाव अच्छा है , वैसे चुनने का अधिकार  तुम्हारा ही है , फिर भी आपके चुनाव से…"
9 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"एक अँधेरा लाख सितारे एक निराशा लाख सहारे....इंदीवर साहब का लिखा हुआ ये गीत मेरा पसंदीदा है...और…"
10 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"//मलाई हमेशा दूध से ऊपर एक अलग तह बन के रहती है// मगर.. मलाई अपने आप कभी दूध से अलग नहीं होती, जैसे…"
13 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय जज़्बातों से लबरेज़ अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ। मतले पर अच्छी चर्चा हो रही…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 179 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"बिरह में किस को बताएं उदास हैं कितने किसे जगा के सुनाएं उदास हैं कितने सादर "
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"सादर नमन सर "
yesterday
Mayank Kumar Dwivedi updated their profile
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"धन्यवाद आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब.दूध और मलाई दिखने को साथ दीखते हैं लेकिन मलाई हमेशा दूध से ऊपर एक…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"धन्यवाद आ. लक्षमण धामी जी "
yesterday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय, बृजेश कुमार 'ब्रज' जी, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से…"
yesterday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आदरणीय निलेश शेवगाँवकर जी आदाब, एक साँस में पढ़ने लायक़ उम्दा ग़ज़ल हुई है, मुबारकबाद। सभी…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service