(1) समारू - छत्तीसगढ़ सरकार ने 250 शराब दुकानें बंद करने का निर्णय लिया है ।
पहारू - क्या फर्क पड़ता है, गांवों की गलियों में अवैध शराब दुकानें तो हैं।
2. समारू - केन्द्र की यूपीए सरकार जेपीसी गठन को तैयार हो गई है।
पहारू - सरकार को शीतकालीन सत्र में सद ्बुद्धि क्यों नहीं आई।
3. समारू - छत्तीसगढ़ सरकार ने मार्च से गरीबों को 5 रूपये किलो में देशी चना देने का निर्णय लिया है।
पहारू - शराब तो है, चलो घर बैठे ‘चखना’ की व्यवस्था हो…
Added by rajkumar sahu on February 21, 2011 at 12:11am — 1 Comment
(1) समारू - न्यायालय ने ए. राजा को घर की दवा तथा खाना खाने की अनुमति दी है।
पहारू - ए. राजा के पास खाने के लिए नोटों की गड्डी है, ना।
(2) समारू - असम में मुख्मंत्री व मंत्रियों से अधिक संपत्ति उनकी पत्नियों के पास है।
पहारू - मंत्रियों की कमाई पर पहला अधिकार तो उन्हीं का है।
(3) समारू - प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि मैं मजबूर हूं, मेरा कोई नहीं सुनता।
पहारू - हम जैसे गरीबों का भी कौन सुनता है ????
(4) समारू - छग सरकार कह रही है,…
Added by rajkumar sahu on February 18, 2011 at 11:22am — No Comments
Added by rajkumar sahu on February 17, 2011 at 6:09pm — No Comments
Added by rajkumar sahu on February 17, 2011 at 12:23am — No Comments
‘शीशी-बोतल तोड़ दो, दारू पीना छोड़ दो’, ‘शराब दुकान हटाओ, छत्तीसगढ़ बचाओ’, ‘सरकार को जगाना है, नशामुक्त समाज बनाना है’ जैसे कई नारे लगाते हुए नवागढ़ की सैकड़ों महिलाएं शराब दुकान बंद कराने सड़क पर उतर आईं। महिलाआंे ने कचहरी चौक जांजगीर से रैली की शुरूआत की, जो विवेकानंद मार्ग होते हुए बीटीआई चौक पहुंची और फिर कलेक्टोरेट पहुंची। यहां कलेक्टर को महिलाओं ने एक ज्ञापन सौंपा और शराब दुकान को अगले वित्तीय वर्ष से बंद कराने की मांग की। यहां कलेक्टर ब्रजेश चंद्र मिश्र ने मामले में राज्य षासन को अवगत कराने…
ContinueAdded by rajkumar sahu on February 16, 2011 at 12:47pm — No Comments
Added by rajkumar sahu on February 15, 2011 at 1:19am — No Comments
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के धौड़ाई के पास माहराबेड़ा से यात्री बस को रोककर गणतंत्र दिवस के ठीक, एक दिन पहले 25 जनवरी को 5 जवानों तथा एक स्थानीय युवक को मुखबिरी के शक में नक्सली अगवा कर ले गए थे। बाद में युवक को नक्सलियों ने छोड़ दिया। इसके बाद अगवा किए गए जवानों के परिजन, नक्सलियों से लगातार गुहार लगा रहे थे, लेकिन नक्सली अपनी कुछ मांगों पर अड़े रहे। इस बीच मीडिया द्वारा मामले को कव्हरेज दिया जाता रहा। यहां बताना यह आवश्यक है कि जब से जवान अगवा किए गए थे, उसके बाद विपक्ष भी सरकार पर दबाव बनाया…
ContinueAdded by rajkumar sahu on February 11, 2011 at 11:48pm — No Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |