हम एक दुसरे के प्रति अपना प्यार जताने को कोई न कोई तौहफा देते हैं ! कुछ ऐसा जो लेने वाले को अच्छा और दुनिया में सबसे न्यारा और कीमती लगे ! भौतिक रूप में दिया गया तौहफा ख़राब हो सकता है टूट सकता है लेकिन अगर तौहफा दिल से दिया जाये, मन से दिया जाये , भावनाओं से दिया जाये तो वो हमेशा दिलो दिमाग में रहता है ! उसकी कीमत अनमोल होती है ! अतः अपने में सबसे प्यारे व्यक्ति को तौहफा भी सबसे प्यारा देना चाहिए ! मैं ये मेरी भावनाएं शब्दों में पिरोकर अपने जीवन साथी को तौह्फे में दे रही हूँ…
ContinueAdded by Parveen Malik on February 24, 2013 at 7:30pm — 14 Comments
ज़िन्दगी इतने गम क्यूँ देती है
गम के संग आंसू भी देती है
आंसुओं संग दर्द भी देती है
दर्द के संग तनहाइयाँ भी देती है
तनहाइयों संग फिर रुस्वाइयाँ भी देती है ……
फिर भी हर किसी को जीने की ही चाह होगी
हर पल हर किसी को जीवन की…
ContinueAdded by Parveen Malik on February 16, 2013 at 1:00pm — 12 Comments
आज मैं जिस परिस्थिति में हूँ वहां पर खुद को एक दोषी के रूप में देख रहा हूँ ! मेरे पेट में दर्द बढ़ रहा है ! हस्पताल वाले मुझे सांत्वना दे रहे हैं कि आप चिंता न करिए अभी थोड़ी देर में ही आपका ऑपरेशन हो जायेगा और आप सही सलामत हो जायेंगे ! मैं उनको कह रहा हूँ की मुझे ऑपरेशन से बहुत डर लग रहा है ! तभी एक नर्स ने मुझे बताया कि डरने की कोई बात नहीं है आपका ऑपरेशन निशा शर्मा करेंगी जो की जानी - मानी डॉक्टर हैं ! उनके आज तक सभी ऑपरेशन सफल हुए हैं ! ये नाम सुनकर ही मेरे होश उद्द गए और मैं अपने अतीत…
ContinueAdded by Parveen Malik on February 13, 2013 at 12:00pm — 21 Comments
ये रिश्तों की दुनिया है बड़ी ही निराली
प्यार और विश्वास से खिलती है ये क्यारी
त्याग और समर्पण मांगे ये दुनिया हमारी
खुशियों में लगती है ये दुनिया जन्नत हमारी
गम के सायों में हौसला देती है ये दुनिया हमारी
ये रिश्तों की दुनिया है बड़ी ही निराली…
Added by Parveen Malik on February 12, 2013 at 11:00am — 3 Comments
तुम पास नहीं हो तो दिल मेरा बहुत उदास है !
हर पल दिल में तेरा ही अहसास है !
जिधर देखूं बस तुम ही तुम नज़र आते हो !
और पलक झपकते ही ओझल हो जाते हो !
दिल की धड़कन से तेरी आवाज़ आती है !
मेरी हर सांस से तेरी आवाज़ आती है !
न जाने क्या हो गया है मुझे !
मैं बात करती हूँ , आवाज़ तेरी आती है !
जबसे तुमसे मिले हैं हम खुद से पराये हो गए हैं !
तेरी ही यादों में कुछ ऐसे दीवाने हो गए हैं !
सबके बीच रहते हुए भी तनहा हो गए हैं…
ContinueAdded by Parveen Malik on February 7, 2013 at 1:00pm — 7 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |