तुम पास नहीं हो तो दिल मेरा बहुत उदास है !
हर पल दिल में तेरा ही अहसास है !
जिधर देखूं बस तुम ही तुम नज़र आते हो !
और पलक झपकते ही ओझल हो जाते हो !
दिल की धड़कन से तेरी आवाज़ आती है !
मेरी हर सांस से तेरी आवाज़ आती है !
न जाने क्या हो गया है मुझे !
मैं बात करती हूँ , आवाज़ तेरी आती है !
जबसे तुमसे मिले हैं हम खुद से पराये हो गए हैं !
तेरी ही यादों में कुछ ऐसे दीवाने हो गए हैं !
सबके बीच रहते हुए भी तनहा हो गए हैं !
दो दिल एक जान हम हो गए हैं !
सही में किस प्रकार कोई हमारी जिंदगी में इस तरह असर करता है कि हम खुदके न होकर बस उसी के हो जाते हैं ! उसी से हमारी सुबह और शाम हो जाती है ! उसी से हमारा सुख और दुःख हो जाता है ! वो साथ है तो जैसे पूरा जहाँ मिल गया अगर साथ नहीं वो तो जैसे हमसे बदनसीब नहीं कोई ! माँ बाप के साथ २० साल गुजरने के बाद भी वो शख्श उनसे ऊपर हो जाता है ! उसके लिए हम अपने सरे संगी साथी छोड़ एक नई दुनिया बसा लेते हैं जो बहुत ही हसीं लगती है !
Comment
धन्यवाद आदरणीय कुशवाहा जी एवं डॉ अजय खरे जी हौसलाफजाई के लिए ...
तेरी ही यादों में कुछ ऐसे दीवाने हो गए हैं !
सबके बीच रहते हुए भी तनहा हो गए हैं !
आदरणीया परवीन जी
सादर
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति.
बधाई.
bichhoh ki jhulas ka sunder chitran badhai malik madam
आप सभी का बहुत बहुत आभार कि आपने अपना कीमती समय मेरी रचना को दिया ...
धन्यवाद....
आदरणीया परवीन जी:
रचना तो अच्छी है ही, परन्तु रचना के नीचे लिखी
पंक्तियों में आपने जो सच्चाई अभिव्यक्त की है,
उसने आपकी रचना में और भी जान डाल दी है।
थोड़ी-सी पंक्तियों में आपने हर किसी के जीवन में
आए किसी खास रिश्ते की सच्चाई सामने कर दी है।
जीवन में किसी की उपस्थिति का रंग और उसके
अभाव का ग़म .... कोई उस स्थिति में से गुज़रा हुआ
ही जानता है ... वह दर्द एक अनोखा दर्द है जो सालों तो क्या,
कई बार दशकों तक भी सीने में गरम कोलतार की तरह बस
चिपका रहता है।
मैंने इस उपस्थिति पर और इस दर्दीले अभाव पर दो कविताएँ
लिखी थीं, जिनको मै obo पर post कर के आपके साथ share
नहीं कर सक्ता, क्यूँकि वह दोनों कहीं और प्रकाशित हो चुकी हैं
(with respect for obo's rules). हाँ, यदि आप चाहें तो
ओबीओ पर friends बन कर ए मैल में आपसे share कर
सकता हूँ।
सादर ।
विजय निकोर
आदरणीया परवीन जी नमस्कार
दिल से लिखी रचना के लिए बधाई आपको
इस मंच पर मैं ये आपकी कोई पहली रचना देख रहा हूँ
नवल प्रयास के लिए बधाई आपको
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