निभाकर रीत होली में
दिलों को जीत होली में।१।
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भरें जीवन उमंगों से
चलो गा गीत होली में।२।
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सभी सुख दुश्मनी छीने
बनो सब मीत होली में।३।
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बहुत विरही तड़पता है
सफल हो प्रीत होली में।४।
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किसी को याद मत आये
गयी जो बीत होली में।५।
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लगे अब रोग कहते हैं
दुखों को पीत होली में।६।
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गिरा दो रंग बरसाकर
खड़ी हर भीत होली में।७।
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यही अरदास है पिघलें
दिलों की शीत होली…
Added by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 21, 2024 at 6:55am — No Comments
नगर भर चले दौड़ काली हवा
है खुश खूब झकझोर डाली हवा।१।
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गिरे फूल कलियाँ विवश भूमि पर
बजा पात कहती है ताली हवा।२।
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कभी दान जीवन सभी को दिया
हुई आज लेकिन सवाली हवा।३।
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कहाँ से प्रदूषण धरा का मिटे
नहीं सीख पायी जुगाली हवा।४।
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कँपा शीत में नित बढ़ी जब तपन
गयी लौट कुल्लू मनाली हवा।५।
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तनिक तो कहीं बात होती है कुछ
किसी की चली कब है…
Added by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 6, 2024 at 11:04am — 6 Comments
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