2122 2122 2122 212
हमने तो मुद्दत से उनका ख्वाब भी देखा नहीं
लग रहा है इस दिए में तेल अब ज्यादा नहीं
ज़िन्दगी का क्या भरोसा डगमगाते दौर में
आप तक ले जाये ऐसा तो कोई रस्ता नहीं
शायरी भी बोझ दिल का बन गयी है दोस्तो
वो कोई कैसे पढ़ेगा जो मैं लिख सकता नहीं
तुम अगर आ जाओ अब भी तो ही क्या हो जाएगा
मैं नहीं,तुम भी नहीं वो,वक़्त भी वैसा नहीं
एक सूरत लेकिन अब भी है मेरे उद्धार की
पर सिवा तेरे किसी में ध्यान भी…
Added by मनोज अहसास on April 25, 2023 at 11:43pm — 5 Comments
एक ताज़ा ग़ज़ल जो अधूरी लगती है
122 122 1212 122 122 1212
मेरे साथ लम्हें गुज़ार ले,मुझे भूलने का ख्याल क्यों?
मुझे इस भंवर से उबार ले,मुझे भूलने का ख्याल क्यों?
भले आज तुझसे मैं दूर हूँ, किसी बेबसी का सुरूर हूँ
मुझे फिर से दिल में उतार ले,मुझे भूलने का ख्याल क्यों?
मैं तेरी नज़र का करार था ,तेरे सूने मन की बहार था।
मुझे गौर से तो निहार ले ,मुझे भूलने का ख्याल क्यों?
मुझे देख ले फिर उसी तरह,मेरे पास आजा किसी तरह
मुझे चाँद कह के पुकार ले,मुझे भूलने…
Added by मनोज अहसास on April 18, 2023 at 11:17pm — 2 Comments
2122 1122 1122 22
उठ के चल राह में तू मेरी उजाले कर दे
या कि चुपचाप मुझे मेरे हवाले कर दे
तुझको पीना है मेरा खून अभी मुद्दत तक
मेरे हिस्से में भी दो चार निवाले कर दे
अपनी तकदीर से ज्यादा तुझे शक है मुझपर
मेरे पीछे तू कईं देखने वाले कर दे
ये भी मुमकिन है बदल दे मुझे रस्तों का मिजाज़
ये भी मुमकिन है तेरे पाँवों में छाले कर दे
तोड़ डाला है हवाओं ने भरम मेरा तो
कहीं ये दौर तेरे…
Added by मनोज अहसास on April 13, 2023 at 11:22pm — No Comments
2122 2122 2122 212
तुम हमारे दौर के इक रहनुमा हो तो हँसों।
नाच कठपुतली का जग में हो रहा देखो हँसों।1
इश्क़ वालों ने किसी भी दौर में पाया न चैन,
सूखी आँखों से सभी की दास्तां लिक्खो, हँसों।2
मुझको दिल से है ज़रूरत अपने घर की छांव की,
मेरे पथ में बिछ चुके हर खार को देखो,हँसों।3
घर किसी का तोड़ने फिर आ गई है वो मशीन,
खूब दिल से ये तमाशा देखने वालों हँसों ।4
चूर हो जाओगे तुम टकरा के इन…
ContinueAdded by मनोज अहसास on April 1, 2023 at 12:04am — 2 Comments
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