जब से शहर में चुनाव का बिगूल बज गया
श्वान का भी श्वान से खौफ निकल गया
शोर और सिर्फ शोर मच रहा सुबह शाम
पांच साल बाद नेता को पडा जनता से काम
श्वान हैरान परेशान घूमता रहता इधर उधर…
ContinueAdded by प्रदीप देवीशरण भट्ट on April 4, 2019 at 11:00am — 4 Comments
नारी तो केवल है नारी है
नर भी तो केवल है नर
दोनोँ के विचार अलग हैं
दोनोँ के किरदार अलग
ना इसका कुछ हिस्सा ज्यादा
ना ही उसका है कुछ कम
कभी…
ContinueAdded by प्रदीप देवीशरण भट्ट on April 2, 2019 at 6:30pm — 4 Comments
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