Added by Manan Kumar singh on May 28, 2017 at 10:30pm — 9 Comments
2122 : 2122 212
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वह जमीं पर आग यूँ बोता रहा
और चुप हो आसमां सोया रहा।1
आँधियों में उड़ गये बिरवे बहुत
साँस लेने का कहीं टोटा रहा।2
डुबकियाँ कोई लगाता है बहक
और कोई खा यहाँ गोता रहा।3
पर्वतों से झाँकती हैं रश्मियाँ
भोर का फिर भी यहाँ रोना रहा।4
हो…
Added by Manan Kumar singh on May 22, 2017 at 8:27am — 7 Comments
Added by Manan Kumar singh on May 14, 2017 at 8:00am — 14 Comments
2122 2122 2122 212
बेखुदी में यार मेरे याद आना छोड़ दो
मुस्कुराने की अदा है कातिलाना, छोड़ दो।1
सूखती-सी जो नदी उम्मीद की, बहती रही
कान में पुरवाइयों-सी गुनगुनाना छोड़ दो।2
ख्वाहिशों के दौर में थमती नहीं है जिंदगी
उँगलियों पर अब जरा मुझको नचाना छोड़ दो।3
चाँद ढलता जा रहा फिर है पड़ी सूनी गली
बेबसी में अब कभी मुझको बुलाना छोड़ दो।4
राह अपनी मैं चलूँ तुमको मुबारक रास्ते
अनकही बातें बता रिश्ते…
Added by Manan Kumar singh on May 10, 2017 at 9:11pm — 10 Comments
Added by Manan Kumar singh on May 8, 2017 at 7:00am — 12 Comments
Added by Manan Kumar singh on May 5, 2017 at 9:41am — 9 Comments
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