पिता
परिवार -नैया पिता पतवार
तूफान-आंधी में खेते जाते
बोते जाते श्रम -कण फसलें
साधिकार पल जाती नस्लें
पिता के काँधे …
ContinueAdded by amita tiwari on June 19, 2016 at 7:18pm — 3 Comments
Added by amita tiwari on June 15, 2016 at 10:00pm — 5 Comments
आते है गंदले कीचड़े उथले नारे नदी
मिलते है गंगा में और गंगा हो जाते हैं
पर गंगा बन मिलते है जब सागर में
गंगा के नामो निशाँ मिट जाते हैं .....…
Added by amita tiwari on June 5, 2016 at 8:00pm — 7 Comments
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