बरसाती बादल आ ही गए, ठंढक थोड़ी पहुंचा ही गए.
तपती धरती, झुलसाते पवन, ऊमस की थी घनघोर घुटन,
खाने पीने का होश नहीं, 'बिजली कट' और बढ़ाते चुभन
अब अम्बर को देख जरा, बिजली की चमक दिखला ही गए... बरसाती बादल आ ही गए,
सरकारें आती जाती है, बिजली भी आती जाती है,
वादों और सपनों की झोली,जनता को ही दिखलाती है
पर एक नियंता ऐसा भी, बस चमत्कार दिखला ही गए... बरसाती बादल आ ही गए,
अंकुरे अवनि से सस्य सुंड, खेतों में दिखते कृषक…
ContinueAdded by JAWAHAR LAL SINGH on June 19, 2014 at 3:30pm — 12 Comments
एक अस्पताल में भर्ती बुजुर्ग की आप बीती---उनके ही मुख से-
"मेरे दो लडके हैं, दोनों एक्सपोर्ट इम्पोर्ट का कारोबार करते हैं.
दो लड़कियां विदेश में हैं, दामाद वहीं सेटल हो गए हैं.
मेरा एक भगीना बड़े अस्पताल में डॉक्टर है ...मुझे उसका टेलीफोन नंबर नहीं मिल रहा ..आप पताकर बताएँगे क्या?
आज मेरे घाव का ओपेरेसन होनेवाला है. मेरा लड़का आयेगा ...ओपेरेसन के कागजात पर हस्ताक्षर करने."
लड़का आया भी और हस्ताक्षर कर चुपचाप चला गया. मैंने महसूस किया दोनों में कोई विशेष बात…
ContinueAdded by JAWAHAR LAL SINGH on June 6, 2014 at 8:00pm — 21 Comments
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