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Sumit Naithani's Blog – June 2013 Archive (4)

न आये लौट के

रूठकर गयी थी सुबह मुझसे 

रात का दर्पण दिखा कर 
फिर लौट आयी है सुबह !!.
.
रूठकर गयी थी बहार मुझसे 
पतझड के पत्ते उड़ा कर 
फिर लौट आयी है फिजा !!…
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Added by Sumit Naithani on June 28, 2013 at 3:30pm — 16 Comments

एक अच्छी मछली

कल सुना मैंने

तालाब किनारे

दो मछलियों को

बात करते हुए -

"वो शरीफ़

न्यायसंगत,…

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Added by Sumit Naithani on June 18, 2013 at 4:00pm — 20 Comments

सुबह-सुबह

मेरे आंगन में आती

सुबह-सुबह

किरणे सूरज की

आंगन की बेल का उठ…

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Added by Sumit Naithani on June 13, 2013 at 4:00pm — 21 Comments

परिपक्वता और नादानीयाँ

धर्म-मजहब के नाम पर,

तुम लड़ सकते हो, मैं नहीं

अपने शब्दों की नुमाइश बेहतर,…

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Added by Sumit Naithani on June 7, 2013 at 3:54pm — 14 Comments

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