लैब से स्टूडेंट जा चुके थे . मनोज वर्मा प्रैक्टिकल रिकॉर्ड चेक कर रहा था .
‘अरे जयराम , यार तुम्हारे यहाँ गाय-भैस तो होगी ही , बढ़िया शुद्ध घी का इंतजान करो यार’ (मनोज मुस्कुराता हुआ अपने लैब सहायक से बोला)
‘है तो साहब , लेकिन घरही में पूर नाय पड़त’ .
‘अरे जुगाड़ करो यार कही से , पैसे की कोई बात नहीं है’ (जोर देते हुए मनोज बोला )
‘उ तो ठीक है साहब , देखित है’.
(कुछ सेकंड के मौन के बाद)…
ContinueAdded by DRx Ravi Verma on June 3, 2013 at 2:30pm — 3 Comments
मेरे वास्तविक भारतीय मध्यम वर्गीय परिवार में माता पिता और पांच भाई हैं . छोटे तीन भाई जो तिडुआ हैं, मुझसे ५ साल छोटे .
रौशन और जलज बी. टेक कर रहे है और पवन बी. ए. अंतिम वर्ष में है ..
होली के बहाने सब इकट्ठा हैं.
माँ (पवन से) – कल तुम फिर खा पी कर आये थे . खाना ख़राब हुआ . पहले बता नहीं पाते हो की ढूस के आओगे ?
पवन कुछ नहीं बोला ..
माँ (लगभग मुझे सुनाते हुए )- कल गेट नहीं खोल पा रहा था . पता नहीं ये लड़के क्या करेंगे ? रोज पार्टी , रोज दारू .
पवन कुछ…
ContinueAdded by DRx Ravi Verma on June 2, 2013 at 11:00am — 6 Comments
आशंकित सशंकित इंसान
लगा है निज आवरण बचाने में
जो बनाता रहा जीवन पर्यंत
कभी चाहे , कभी अनचाहे
जुटा है अपनी केंचुल बचाने में…
ContinueAdded by DRx Ravi Verma on June 1, 2013 at 11:55am — 13 Comments
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