तुझे बाहों मे भर लेने का,
तेरे कंधे रख के सर रोने का,
तुझसे मॅन का दर्द कह देने का,
माँ बड़ा दिल करता है!
तेरी उंगली पकड़ फिर चलने का,
तेरे साए मे बैठे रहने का,
तेरी लॉरी सुन कर सोने का,
माँ बड़ा दिल करता है!
दूर है तू मुझसे,या छुपी हुई है मुझमे ही,
ढूंडती हून तुझको हर कही,
तेरे आँचल मे छुप जाने का,
माँ बड़ा दिल करता…
ContinueAdded by Vasudha Nigam on June 30, 2011 at 1:40pm — No Comments
नन्हा सा, अल्हड़ सा, वो प्यारा बचपन,
ज़िंदगी की धूप से अछूता बचपन
बचपन के वो दिन कितने अच्छे थे
जब संग सबके हम खेला करते थे
दुखी होते थे एक खिलौने के टूटने पर
और छोटी सी ज़िद्द पूरी होने पर,खुश हो जाया करते थे
हँसता, खिलखिलता वो निराला बचपन
ज़िंदगी की धूप से अछूता बचपन
वो बारिश के मौसम का भीगना याद आता…
ContinueAdded by Vasudha Nigam on June 29, 2011 at 10:00am — 15 Comments
ज़िन्दगी तुझे जी लूंगी मैं...
नाकामियों से ऊपर उठते हुए,
समय के आगे न झुकते हुए,
मुश्किलों से हंस कर मिलूंगी मैं!
ज़िन्दगी तुझे जी लूंगी मैं...
रुठेंगी कब तक मंजिलें मुझसे,
मायूस होगी कब तक महफ़िलें मुझसे,
तूफ़ान भी अब डिगा न सकेंगे,
लहरों के वेग से अब न डरूँगी मैं!
ज़िन्दगी तुझे जी लूंगी मैं...
भिगोया हैं बहुत आँचल को अपने,
अरसा गुज़र गया मुस्कुराहटो की तलाश में,
अब भीगी पलकों पर…
ContinueAdded by Vasudha Nigam on June 28, 2011 at 2:30pm — 4 Comments
विश्वासघात, क्या होता हैं यह विश्वासघात,
जो हिला देता हैं आपका संपूर्ण वजूद!
या फिर वो जो खोखला कर देता हैं आपकी जड़ो को,
और उठा देता हैं आपका विश्वास दुनिया से,
और क्या परिभाषा होता है विश्वास की,
जो बना देती हैं गिरो को भी अपना!…
ContinueAdded by Vasudha Nigam on June 27, 2011 at 12:00pm — No Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |