22 - 22 - 22 - 2
उम्र मिरी यूँ रही गुज़र
कोई परिंदा ज्यूँ बे-पर
तपती रेत के सहरा में
ढूंढ रहा हूँ आब-गुज़र
हद्द-ए-नज़र वीराना है
कोई साया है न शजर
ग़म के लुक़्मे खाकर मैं
पी लेता हूँ अश्क गुहर
ढूँड रहा हूँ ख़ुद को ही
बेकल दिल बेताब नज़र
जूँ-जूँ रात गुज़रती है
दूर हुई जाती है सहर
तन्हा और बेबस हूँ मैं
देख मुझे भी एक…
ContinueAdded by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on July 13, 2023 at 11:52pm — 2 Comments
221 - 2122 - 221 - 2122
आया है चाट वाला ले कर गली में ठेला
आते ही लग गया है बच्चों का जैसे मेला
अम्मा से पैसे लेके दौड़ी जो बिटिया रानी
सुनकर ही आ गया है चच्ची के मुँह में पानी
भाभी भी हो रहीं ख़ुश भय्या मँगा रहे हैं
खाते नहीं मगर वो सबको खिला रहे हैं
टन-टन तवा बजाता कर्छी से चाट वाला
कहता है आओ बाजी आओ जी मेरी ख़ाला
गर्मा-गरम पकौड़े चटनी है खट्टी-मीठी
रगड़ा-मसाला खा के मुँह से…
ContinueAdded by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on July 6, 2023 at 8:53pm — 4 Comments
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