“आज तो आप कुछ ज्यादा ही देर से आईं है, आपने तीन पीरीयड मिस कर दिए" सरकारी स्कूल की अध्यापिका ने दूसरी अध्यापिका से कहा
“क्या बताऊँ, मुन्ने के स्कूल में आज ‘पेरेन्ट-टीचर मीट’ थी, सो वहाँ जाना बहुत ही जरूरी था, अब आप तो जानती ही हैं कि कान्वेंट स्कूलों में अनुशासन का कितना ध्यान रखा जाता है।”
(मौलिक व अप्रकाशित)
Added by Ravi Prabhakar on July 15, 2014 at 12:30pm — 7 Comments
“बहन ! ये औरतें गठड़ियों में क्या ले जा रही हैं ?”
”विधवा औरतों के लिए कैंप लगा है, वहां उन्हें महीने भर का राशन बांटा जा रहा है।”
पिछले तीन दिन से भूखी सुखिया ने नशे में धुत्त लेटे अपने पति को ऐसे देखा मानो आज उसे अपने “सुहागन” होने पर पछतावा हो रहा था.
(मौलिक और अप्रकाशित)
Added by Ravi Prabhakar on July 5, 2014 at 1:00pm — 9 Comments
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