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Sumit Naithani's Blog – July 2013 Archive (3)

गरीब की भूख

आज सुबह मेरे दोस्त ने मुझे फोन किया  और कहा की आज एक विषय पर कहानी लिखो -गरीब की भूख , मुझे थोड़ी हैरानी हुयी, "ये क्या ! आज ये क्या विषय दे दिया 'गरीब की भूख ', ये तो निबन्ध लिखने का विषय है, इस पर कहानी कैसे लिखी जा सकती है "...थोडा विरोध था मन में, मगर जाने क्या हुआ, मैंने सोचा "चलो रहने देते है, देखते है, आज अपनी प्रतिभा को भी आजमाते है .... 
.
उसके बाद मैं अपने कार्यालय के लिये चल पड़ा, मगर आज मन बेचैन था, आखिर गरीब की भूख पर कोई कहानी…
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Added by Sumit Naithani on July 31, 2013 at 4:00pm — 10 Comments

ऐ प्रकृति तू धर शरीर

ऐ प्रकृति तू धर शरीर

ले जन्म किसी माँ की कोख से !!

.

जब तुझे लगेगी चोट

बहेगा लहू तेरे शरीर से

या बीच राह में कोई

दाग लगेगा आबरू पे कोई

जब जागेगा ये मानव कही

रक्षा को तेरी तभी

ऐ प्रकृति तू धर शरीर !!

.

वैसे तो कुछ दिनों का होगा जोश

मानव का मानव के लिए

मगर इस बहाने ऐ प्रकृति

तेरा ख्याल तो आयेगा

वरना ये शातिन प्राणी

अपने स्वार्थ के लिए

तुझको ही ये लूटता जायेगा

ऐ प्रकृति तू धर शरीर

ले…

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Added by Sumit Naithani on July 12, 2013 at 9:30am — 10 Comments

हमसफ़र मेरा

बिछड़ा था हमसफ़र मेरा

अप्रैल की गर्मियों में 
मिले  न अब तक, 
उसके कोई निशान 
न आयी उसकी कोई चिट्ठी -खबर !!
.
गर्मियों से बरसात तक 
मिले जो राह में पदचिह्न मुझे 
उन पदचिह्नों को देख कर 
जाने कितनी बार अश्क बहाये  
कितनो के आगे रोया  
कही देखा है हमसफ़र मेरा !! 
.
उम्र के साथ अब ढल रही है नज़रे 
और थक रहा है बदन मेरा 
मगर मेरी…
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Added by Sumit Naithani on July 3, 2013 at 2:00pm — 12 Comments

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