एक कोशिश विरह रस की कविता कहने की आशा है आप सब को पसंद आएगी
फिर से सावन की घटा छाई है
तन्हाई में मुझे तेरी याद आई है
क्यों है दूर मुझसे तू न जानू
क्यों है मजबूर मैं न जानू
है कुछ मेरी भी मज़बूरी
बिन तेरे मैं भी अधूरी
क्या बताऊ दिल का हाल
करता है मुझे ये बेहाल
तुमसे मैं क्या करू सवाल
मेरा क्या तुम बिन हाल
मैं कहु कैसे मेरी प्रियतम
सहा है कितना मैंने सितम
मैं समझती हूँ तेरे दिल का हाल
तेरे…
Added by Ketan Parmar on July 23, 2013 at 11:30am — 8 Comments
मात्रा बह्र
2 2 / 22 / 22 / 22 / 22 / 2
सोचा हमने तुमको इक ख़त लिख देंगे।
और तुम्हारी एक शिकायत लिख देंगे।।
ये जंग न हो दुनियाँ में मेरे मौला ।
दुनिया भर के नाम इबारत लिख देंगे।।
कर सकते हो हर एक खता दुनिया में।
हम ये तेरे नाम इजाजत लिख देंगे।।
मिलते मिलते बिछड़ा है वो भी मुझसे।
करता मेरा यार सियासत लिख देंगे।।
इक दिन मिट जायेगा पूरा ये ज़माना।
होगी जो मातम की सूरत लिख देंगे।।
दिल…
Added by Ketan Parmar on July 18, 2013 at 9:00pm — 17 Comments
ग़ज़ल एक कोशिश
ख्वाब दिखाकर दिलबर गायब है
रातो का वो मंज़र गायब है।।
जिसमे डूबी चाहत की किस्ती।
यारो एक समन्दर गायब है।।
खटकाता किसकी कुंडी मैं अब।
देखा जब उसका घर गायब है।।
पेट भरे वो सबका फिर भी उस।
दाता का ही लंगर गायब है।।
कापा जिस्म मिरा रातो में तब।
देखा उठ कर चादर गायब है।।
करके एक दुवा देखी मैंने।
भगवान तिरा मंदर गायब है।।
कर देता घायल मन को…
Added by Ketan Parmar on July 10, 2013 at 1:52pm — 9 Comments
मेरा है तू दास रे जोगी
तेरे क्या है पास रे जोगी।
मौत हुई मेरी यहाँ पर क्यों
गहरा है ये राज़ रे जोगी।
शाम हुई मदहोश आज यहाँ
जैसे हो कुछ खास रे जोगी।
रहती है मेरी नज़र में तू
आँखों की इक प्यास रे जोगी।
"मौलिक व अप्रकाशित"
Added by Ketan Parmar on July 2, 2013 at 9:00pm — 13 Comments
मौसम की मनमानी है
सब आँखों में पानी है।
छाया बादल ये कैसा
दर्द दिया रूहानी है।
पावन है जग में सबसे
गंगा का ही पानी है।
जगती है आंखे तेरी
शब को यूं ही जानी है।
तुझको पाने की ख्वाहिश
हमने मन में ठानी है।
"मौलिक व अप्रकाशित"
Added by Ketan Parmar on July 2, 2013 at 4:30pm — 15 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |