सुन्दरता इसको घेरी है
मादकता इसमें पिरोई है
मीठे में मिश्री जैसा मेरा गाँव
सबसे प्यारा सबसे न्यारा मेरा गाँव
उंच नीच का भेद नहीं है
शहरों जैसा क्लेश नहीं है
फूलों में गुलशन जैसा मेरा गाँव
सबसे प्यारा सबसे न्यारा मेरा गाँव
सुन्दरता तरुओं की प्यारी
मादकता सरसों की सारी …
Added by Devendra Pandey on July 6, 2013 at 2:30pm — 4 Comments
मेरे पिया गए परदेश रे
ना मनवा लागे रे
सावन आया
ददुरबा बोले
ददुरबा बोले ददुरबा बोले
बादल गरजे तेज रे
ना मनवा लागे रे
चिठ्ठी आयी ना
पाती आयी
ना आया कोई सन्देश रे
ना मनवा लागे रे
सोलह श्रृंगार
ना मन को भाये
मन को भाये न मन को भाये
भाये ना ये देश रे
ना मनवा…
Added by Devendra Pandey on July 2, 2013 at 11:00am — 13 Comments
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