शपथ
राखी की मुझे
बहन
देश की
रक्षा में होना
कुर्बान
मन में
पालना नहीं
दुविधा
रखूंगा
सदा देश का
सम्मान
बहना
खिला अब तो
मिठाई....
एकादशी विधा में लिखे ये छंद गणेश भैया मैं आपको समर्पित करता हूँ ...आप इस विधा के अविष्कार कर्ता हैं ..इसलिए प्रथम प्रतिक्रिया के लिए आप से अनुरोध भी करता हूँ
डॉ.…
ContinueAdded by Dr.Brijesh Kumar Tripathi on August 18, 2011 at 3:42pm — 2 Comments
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