For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Satish mapatpuri's Blog – August 2010 Archive (4)

हसीना उसको कहते हैं

हसीं गालों पे जो चमके, नगीना उसको कहते हैं.

घनीं जुल्फों से जो टपके, तो मीना उसको कहते हैं.

यूँ कहने को तो मयखाने में, लाखों रोज़ पीते हैं.

जो छलके गहरी आँखों से, तो पीना उसको कहते हैं.

मचल जाता फिजा का दिल, हसीं जुल्फें बिखरने से.

जो पत्थर को भी पिघला दे, हसीना उसको कहते हैं.

ख़ुशी में हंसना- खुश होना, जहां में सबको आता है.

मगर जो हँस के गम सह ले, तो सीना उसको कहते हैं.

महलों के गलीचों पे पसीना, आता है पुरी.

मगर खेतों में जो बहता, पसीना उसको कहतें… Continue

Added by satish mapatpuri on August 20, 2010 at 4:02pm — 4 Comments

हम आज के इंसान हैं

हम आज के इंसान हैं, हम आज में जीते हैं.

वो और लोग होंगे, जो समाज में जीतें हैं.

गीता- कुरान पढ़तें हैं, मानते नहीं.

इंसान हैं, इंसानियत को जानते नहीं.

ज़ख़्मी को देखतें हैं, ठहरते नहीं.

लाल खून देखकर, सिहरते नहीं.

हम वो घड़े हैं जो, संवेदना से रीते हैं.

हम आज के इंसान हैं, हम आज में जीते हैं.

15 अगस्त आता है, तो राष्ट्र-गान गाते हैं.

घर के मुंडेर पर, तिरंगा भी फहराते हैं.

रचनाकार हैं, रचनाधार्मिता को पोसते हैं.

राष्ट्र की दुहाई देकर, शासन को… Continue

Added by satish mapatpuri on August 10, 2010 at 4:30pm — 2 Comments

रैप टाइम (हास्य ) हिंगलिश- शैली

गिरते -पड़ते डांस करें, बिन सुर - ताल के गाना.

ये है रैप ज़माना - ये है रैप ज़माना.

स्कूल हो या कॉलेज हो, बस फिल्मों का नॉलेज हो.

क्या रखा है किताबों में, अलजबरा के हिसाबों में.

झगड़ा है इतिहासों में, टेंसन संधि- समासों में.

तर्कशास्त्र तो टेढ़ा है, इंगलिश एक बखेड़ा है.

राजनीति में पचड़ा है, अर्थशास्त्र एक दुखड़ा है.

कौन फंसे साइक्लोजी में, लफड़ा है बाईलोजी में.

पानीपत में कौन जीता, बेमतलब सर है खपाना.

ये है रैप ज़माना… Continue

Added by satish mapatpuri on August 6, 2010 at 4:00pm — 2 Comments

क्षितिज के पार

नज़र को धोखा बार- बार यही होता है.
यूँ तो कुछ भी क्षितिज के पार नहीं होता है .
खुदा बनाता है क्यों उनको हसीं.
जिनके दिल में तमिज़े प्यार नहीं होता है .
दिल भले साज़ है पर सबसे जुदा.
ये वो सितार जिसमे तार नहीं होता है.
उनकी मासूमियत पे हैरां हूँ.
ये भी नहीं कहते ऐतबार नहीं होता है .
रेत में गुल खिला रहे हो पुरी.
दिलजलों के लिए बहार नहीं होता है.
गीतकार- सतीश मापतपुरी
मोबाइल - 9334414611

Added by satish mapatpuri on August 2, 2010 at 4:53pm — 1 Comment

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"रोला छंद . . . . हृदय न माने बात, कभी वो काम न करना ।सदा सत्य के साथ , राह  पर …"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service