22/22/22/22/22
तुमौर मै हमारी छोटी सी दुनिया
सागर से बारिश बारिश से नदिया
.
मीठी होती है मेहनत की रोटी
मैंने देखी है माँ दरते चकिया
.
ए.सी कूलर ने छीनी आबो-हवा
याद आती है नीम-छांव की खटिया
.
पक्की छत में जगह उसी को न मिली
सदियों रहा जो बन छप्पर की थुनिया
.
याद मुझे पुरनम बस तू है आती
मन महकाये जब बौंराई अमिया
.
दिल का सौदा क्या खाक वो करेगा?
नुकसान-नफ़ा सोचे तबीयते…
ContinueAdded by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on September 24, 2015 at 8:50am — 8 Comments
2212 2212 22
क्या ख़ूब आफ़त पाल बैठा हूँ
दिल में शराफ़त पाल बैठा हूँ
.
मुफ़्त इक मुसीबत पाल बैठा हूँ
बुत की मुहब्बत पाल बैठा हूँ
.
क्यूँ ये सितारे हैं ख़फ़ा मुझसे?
जो तेरी चाहत पाल बैठा हूँ
.
वो बेवफा कहने लगा मुझको
जबसे मुरव्वत पाल बैठा हूँ
.
कोई तो तुम अब फ़ैसला दे दो
पत्थर की सूरत पाल बैठा हूँ
.
गर तू तगाफुल पे अड़ा है
सुन मैं भी वहशत पाल बैठा हूँ
.
वारे…
ContinueAdded by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on September 15, 2015 at 8:30am — 19 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |