२२ २२ २२ २२ २२ २२
दिल की बातें वो भी समझें ये सोचा था
होंगी मिलकर सारी बातें ये सोचा था ?
चले जायेंगे अपने रस्ते वो भी इक दिन
रह जाएंगी तन्हा रातें ये सोचा था ?
जीवन जैसा होगा उसको जी लेना है
दर्दो अलम की ले सौगातें ये सोचा था ?
एक बहाना मुझको जीने का मिल जाता
रह जातीं बस उनकी यादें ये सोचा था ?
डूब गयीं हूँ प्यार में जिनके मैं " रौनक"…
ContinueAdded by KALPANA BHATT ('रौनक़') on September 25, 2017 at 9:30pm — 18 Comments
२२ २२ २२ २२ २२ २
आओगे जब भी तुम मेरे ख्वाबों में
उन लम्हो को रख लूँगी मैं यादों में
और नही कुछ चाहूँ तुमसे मेरी जां
दम टूटे मेरा बस तेरी बाहों में
मेरा जीवन इस गुलशन के फूलों जैसा
घिरा हुआ है मगर बहुत से काँटों में
तुमको में रूदाद सुनाऊं क्या अपनी
मेरा हर लम्हा बीता है आहों में
देख रही हो मुझको तुम जैसे "रौनक"
जी चाहे मैं डूब मरूँ इन आँखों में
मौलिक एवं…
Added by KALPANA BHATT ('रौनक़') on September 23, 2017 at 9:30am — 24 Comments
सुंदर से बाग़ के एक कोने में एक अधकटा पेड़ लोगों को आकर्षित तो कर रहा था पर उसकी बदसूरती पर लोग तरह तरह की बातें कर रहे थे |
और क्यों न हो चर्चा उसकी , एक बड़ा सा पेड़ जिसकी छाँव में कभी लोग बैठा करते थे आज उसकी ऐसी हालत ! एक तरफ से लग रहा थे मानो किसीने उसकी टहनियों को तोड़ कर उसकी खूबसूरती को उससे छीन लिया था |" पर ऐसा कोई क्यों करेगा ?" एक राहगीर ने दूसरे से पूछा |
" मुझे लगता है यह काम माली का ही होगा | बड़ा पागल होगा यह माली , पेड़ की कटाई करनी हो तो ढंग से तो करता |" मुँह बिचकाते…
Added by KALPANA BHATT ('रौनक़') on September 14, 2017 at 4:30pm — 10 Comments
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