जुबां से फूल झड़ते हैं मगर पत्थर उछालें वे
गजब दिलदार हैं, महबूब हैं बस खार पालें वे।1
लगाते आग पानी में, हमेशा ही लगे रहते
बुझे क्यूँ रार की बाती, नई तीली निकालें वे।2
दिलों की आग जब उठकर दिलों को यूँ बुलाती है
करेंगे और क्या बस शीत जल हर बार डालें वे।3
समझना हो गया मुश्किल चलन अब के रफ़ीकों का
सियाही लिख नहीं सकती है' कितना रोज सालें वे।4
हकीकत फासलों में कैद होकर छटपटाती है
सुनेंगे तो नहीं कुछ गाल जितना भी बजालें वे।5
"मौलिक व…
Added by Manan Kumar singh on September 16, 2019 at 8:10am — 6 Comments
चाँद से अब दोस्ती का सिलसिला चलता रहेगा
कब तलक वह मुस्कुराता भेदमय मामा रहेगा?1
कौड़ियों का खेल हम करते नहीं, सब जानते हैं
मुँह दिखाई तक हमारा हर कदम पहला रहेगा।2
दूरियों का गम नहीं करते कभी हम इश्क वाले
पाँव रखने में सतह पर जोर कुछ ज्यादा रहेगा।3
आज इसरो की तपिश में तन-बदन पिघला जरा-सा
कल सुहाने और होंगे साथ में नासा रहेगा।4
क्यूँ लजाना कोटि नजरें प्यार से फिर फिर निहारें
मन हुआ जाता व्यथित, पर हाथ में खाका रहेगा।5
वक्त की रुसवाइयों का…
ContinueAdded by Manan Kumar singh on September 8, 2019 at 4:45pm — 2 Comments
फूल को काँटा चुभाना तो कभी अच्छा नहीं
घाव देकर मुस्कुराना तो कभी अच्छा नहीं।1
प्रेम के बिरवे उगें तो वादियाँ गुलजार हों
बेरहम पत्थर उठाना तो कभी अच्छा नहीं।2
रोशनी का सिलसिला चलने लगा,चलने भी' दो
भोर का सूरज चुराना तो कभी अच्छा नहीं।3
प्यास धरती की बढ़ा क्यूँ फिर चले काली घटा?
जल रहे को फिर जलाना तो कभी अच्छा नहीं।4
दाग औरों को लगाने को सभी बेताब हैं,
आँख से काजल उड़ाना तो कभी अच्छा नहीं।5
इल्म…
ContinueAdded by Manan Kumar singh on September 1, 2019 at 8:30am — 2 Comments
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