कौन किस वक्त क़ौल से अपने
हट के फिर जायेगा भरोसा क्या ?
कब ये आकाश टूटकर मेरे
सर पे गिर जायेगा भरोसा क्या ?
दोस्ती को निबाहने वाले
हों तो इतिहास में ही जिन्दा हों
आज के दौर का कोई बन्दा
कब मुकर जायेगा भरोसा क्या ?
प्यार की बात, साथ जन्मों का
बोलना तो सरल मगर प्यारे
प्यार का फूल किस घटी,किस पल
झर बिखर जायेगा भरोसा क्या ?
चंद जुमले उछाल कर तुम तो
अपने मित्रों के सर ही चढ़ बैठे
याद रखियेगा,…
Added by नन्दकिशोर दुबे on October 20, 2017 at 9:00pm — 6 Comments
ज्यों खटक जाता है
किसी चित्रकार को
स्वरचित सफल चित्र पर
अचानक रंगो का बिखर
जाना !
.
ज्यों खटक जाता है
ज्येष्ठी धूप में तपे प्यासे मानव को
सम्मुख आ सजल पात्र का
अकस्मात ही लुढ़क जाना !.
ज्यों खटक जाता है
प्रणयी युगल को
मधुर प्रणय मिलन
के मध्य
किसी अन्य का
अप्रत्याशित आ जाना !
.
त्यों ही खटक रहा है मुझको
शरद्पूर्णिमा के चंद्र पर
निगोड़े मेघो का छा जाना !! …
Added by नन्दकिशोर दुबे on October 1, 2017 at 9:00pm — 3 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |