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Mahendra Kumar's Blog – November 2022 Archive (1)

ग़ज़ल : आशिक़ों का भला करे कोई

अरकान : 2122 1212 22/112

आशिक़ों का भला करे कोई

मौत आए, दुआ करे कोई

पाँव में फूल चुभ गया उनके

जाए जाए दवा करे कोई

हाल पे मेरे रोता है शब भर

सुब्ह मुझ पर हँसा करे कोई

फ़र्क़ ज़ालिम पे कुछ नहीं पड़ता

चाहे कुछ भी कहा करे कोई

ये नहीं होता, ये नहीं होगा

हम कहें और सुना करे कोई

इन रईसों के शौक़ की ख़ातिर

मरता हो तो मरा करे कोई

बेवफ़ा मुझको कह रहा है…

Continue

Added by Mahendra Kumar on November 4, 2022 at 1:37pm — 12 Comments

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