Added by मोहन बेगोवाल on November 20, 2013 at 7:00pm — 5 Comments
वो हमें कब मिला है खुदा की तरह ।
जो रहा है सदा बन हवा की तरह ।
अब उसे कैसे पहचान वो पायेगा,
जो यहाँ बदलता है अदा की तरह ।
अब वही राह दिखाने आया है मुझे,
जो मेरा था कभी बेवफा की तरह।
वो क्या भर देगा खुशिय़ा दामन तेरे,
जिन का अपना रहा है खला की तरह।
हम भुलाया जमाने को जिस के लिये ,
साथ वो फिर क्यूँ है सज़ा की…
ContinueAdded by मोहन बेगोवाल on November 10, 2013 at 1:30pm — 10 Comments
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