सब तरफ हो शांति जले दीप न्याय का !
विरोध करें मिल कर हम सब अन्याय का !
भूखे तो सब जगे मगर भूखा सोयें न कोई !
खुशहाली हो चहूँ ओर खून के आंसू रोयें न कोई !
हर हाथ को काम मिलें बेरोजगार रहे न कोई !
सब को काम का पूरा दाम मिले बेगार सहे न कोई !
सब कोई हमें पुकारे सदैव भारतीय के नाम से
हिन्दू ,सिख,इसाई , मुसलमान कहें न कोई .
Added by Naval Kishor Soni on August 20, 2012 at 11:30am — No Comments
जब भी कोई संविधान की सीमा लांघता है ,
गाँधी-नेहरु का देश जवाब मांगता है !
पूछता है क्यों सत्य का गला रुंध है ?
क्यों न्याय पर छा रही अन्याय की धुंध है ?
क्यों लुटती नारी आज यहाँ ,क्यों पौरुष खाक छानता है ?
जब भी कोई संविधान की सीमा लांघता है ,
गाँधी-नेहरु का देश जवाब मांगता है !
क्यों कन्या भ्रूण हत्याएं होती है ?
क्यों अबलायें रोती है ?
क्यों पग पग पर मौत की घाटी है ?
क्यों सत्य अहिंसा पर मिलती लाठी है ?
लोकतंत्र का प्रहरी क्यों दर दर…
Added by Naval Kishor Soni on August 17, 2012 at 1:30pm — 6 Comments
यह कैसी आज़ादी है , यह कैसी आज़ादी है ?
भ्रष्टाचार और मंहगाई ने सबकी नींद उड़ा दी है ?
कुछ लोग हुए आबाद ,भूखों मरती आबादी है !
यह कैसी आज़ादी है , यह कैसी आज़ादी है ?
संविधान के बाहर जाकर औकात दिखादी है !
संविधान के मूल्यों की बलि आज चढ़ा दी है…
Added by Naval Kishor Soni on August 17, 2012 at 1:00pm — 1 Comment
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