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R N Tiwari's Blog (23)

पिता जी की डायरी से....

पिता जी की डायरी से....



हाय भगवन क्या दिखाया ,

शांति मन में विक्रांति लाकर .

सरज का नव पुष्प कोमल , 

अग्नि ज्वाला में फसाकर,

वेड ही दिवस महिना ,

श्वेत ही वर्ण था निशा का,

शास्त्र ही दिन शेष था.

सूर्य था पश्चिम दिशा का.

उत्साह का उस दिन था पहरा ,

नयन सबही के खिले थे.

एक वर वधु के व्याह में ,…

Continue

Added by R N Tiwari on January 23, 2011 at 6:30pm — 4 Comments

सपना क्या है?

देख रहा हूँ सपना क्या है?

सपना है तो अपना क्या है ?

घिरा हुआ अविरल घेरे में ,

कैसे जानू क्या तेरे में ?





बंधन चक्कर जब अजेय है,

निस वासर ये तपना क्या है?

देख रहा हूँ सपना क्या है.

सपना है तो अपना क्या है?



राजा था क्यों रंक हो गया ?

ज्ञानी था तो कहों खो गया ?

पता नहीं ,जब कोई किसी का,

नाम लिए और जपना क्या है?



देख रहा हूँ सपना क्या है.................

पाना खोना, खोना पाना,

क्या कैसा है ,किसने जाना ?



सब कुछ है और… Continue

Added by R N Tiwari on January 19, 2011 at 4:30pm — 2 Comments

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