त्रिवेदी जी अपने समय के ख्याति प्राप्त व्यापारी, समाज सेवक, राज नेता, मंत्री और ना जाने किस किस पद को शोभायमान कर चुके थे।
आज वृद्धावस्था के कारण जर्जर शरीर को लेकर अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में मरणासन्न स्थिति में पड़े थे। दवाओं का शरीर पर कोई अनुकूल प्रभाव नहीं हो रहा था। लेकिन अस्पताल वाले अति आशावादी होने का नाटक कर रहे थे। वहाँ के डॉक्टरों का दावा था कि वे पूर्व में मृत प्रायः लोगों में भी जान डाल चुके हैं| वे इतनी मोटी मुर्गी को तबियत से हलाल करना चाहते थे।यमदूत बार बार आकर…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on January 4, 2020 at 11:00am — 8 Comments
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