For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ज़िन्दगी गर मुझको तेरी आरज़ू होती नहीं(ग़ज़ल)

2122 2122 2122 212

ज़िन्दगी गर मुझको तेरी आरज़ू होती नहीं
अपनी सांसों से मेरी फिर गुफ़्तगू होती नहीं

गर तड़प होती न मेरे दिल में तुझको पाने की
मेरी आँखों में, मेरे ख्वाबों में तू होती नहीं

उम्र गुज़री है यहाँ तक के सफ़र में, दोस्तो!
पर ये वो मंज़िल है, जिसकी जुस्तजू होती नहीं

ये जहाँ गिनता है बस कुर्बानियों की दास्ताँ
जाँ लुटाये बिन मुहब्बत सुर्ख-रू होती नहीं

दोस्तों के दिल मुनव्वर जो नहीं होते 'शकूर'
रौशनी भी यूँ फ़राहम कू-ब-कू होती नहीं

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 603

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on July 17, 2020 at 1:21pm

आदरणीय रूपम कुमार जी हौसलाअफ्ज़ाई के लिये आपका बहुत बहुत शुक्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on July 17, 2020 at 1:21pm

आपका तहेदिल से शुक्रिया मोहतरम अमीरुद्दीन अमीर साहिब

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on July 16, 2020 at 12:07am

जनाब शिज्जु 'शकूर' साहिब आदाब, उम्दा ग़ज़ल कही है आपने दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ। सादर।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on July 14, 2020 at 1:11pm

आदरणीय बसंत कुमार शर्मा सर आपका बहुत बहुत शुक्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on July 14, 2020 at 1:11pm

आदरणीय सुरेंद्रनाथ जी आपका तहेदिल से शुक्रिया, प्रयास रहेगा कि दोबारा सक्रियता के साथ हिस्सा बनूं, 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on July 14, 2020 at 1:09pm

आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया, कोशिश करूंगा कि नियमित रह सकूं।

Comment by बसंत कुमार शर्मा on July 13, 2020 at 9:25pm

आदरणीय शिज्जू शकूर जी सादर नमस्कार, बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार करें 

Comment by नाथ सोनांचली on July 13, 2020 at 6:56pm

आद0 शिज्जू शकूर जी सादर अभिवादन। लम्बे अंतराल के बाद पटल पर आपको देख रहा हूँ। बहुत उम्दा ग़ज़ल कही है आपने। बधाई स्वीकार करें। सादर

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on July 13, 2020 at 3:18pm

आ. भाई शिज्जू शकूर जी सादर अभिवादन । एक अच्छी गजल के साथ लम्बे अंतराल बाद ओबीओ पर आपकी उपस्थिति से मन हर्षित हुआ । आशा है अब नियमित बने रहेंगे । फिलहाल इस प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत बधाई ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
5 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
5 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
7 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
8 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
9 hours ago
Profile IconSarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
13 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
yesterday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
yesterday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service