For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बिखरे  हुए हैं गेसू इस इन्तजार में 

आये कोई झोंका  हवा का 
और संवार दे !
ढलका हुआ है आँचल 
नर्म  जमीं के बदन पर   
कि चांदनी भी 
तारों की लड़ियाँ निसार दे !
वो बैठे हैं गिराकर 
पलकों की झालरें 
चल के आये जवां ख़्वाब कोई 
और पहलू में जिंदगी गुजार दे !
ऐ काली घटाओ !
तिल सा काजल उधार दे दो 
जाए कोई मेरे महबूब की 
नजरें उतार दे !!

Views: 407

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on February 8, 2012 at 9:55am

abhar Raj Lally ji


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on February 8, 2012 at 9:55am

shukriya Saurabh ji


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 7, 2012 at 11:15pm

आह ! .. बहुत कोमल भाव ..  . तिल सा काजल.. . वाह !

 

Comment by राज लाली बटाला on February 7, 2012 at 10:16pm

जाए कोई मेरे महबूब की 

नजरें उतार दे !! khoob !

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on February 6, 2012 at 11:09am

Avinash ji hardik aabhar.

Comment by AVINASH S BAGDE on February 6, 2012 at 11:06am
वो बैठे हैं गिराकर 
पलकों कि झालरें 
चल के आये जवां ख़्वाब कोई 
और पहलू में जिंदगी गुजार दे !......बहुत खूब...Rajesh kumari ji.....dil chhoo liya. in dono bandho. ne.

ऐ काली घटाओं 
तिल सा काजल उधार देदो 
जाए कोई मेरे महबूब की 
नजरें उतार दे !!.......;खूबसूरत

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on February 5, 2012 at 4:38pm

hardik aabhar Seema ji.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on February 5, 2012 at 2:33pm

Aashutosh ji bahut bahut dhanyvaad.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on February 5, 2012 at 1:48pm

shukria Rajbundeli ji.

Comment by कवि - राज बुन्दॆली on February 5, 2012 at 1:30pm

इस सुन्दर रचना हॆतु बधाई स्वीकार करिये,,,,,,,,,,,,,बहुत खूब,,,,,,,,,,,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
" पर्यावरण की इस प्रकट विभीषिका के रूप और मनुष्यों की स्वार्थ परक नजरंदाजी पर बहुत महीन अशआर…"
45 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"दोहा सप्तक में लिखा, त्रस्त प्रकृति का हाल वाह- वाह 'कल्याण' जी, अद्भुत किया…"
50 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीया प्राची दीदी जी, रचना के मर्म तक पहुंचकर उसे अनुमोदित करने के लिए आपका हार्दिक आभार। बहुत…"
59 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी इस प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद। सादर"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बहुत बहुत धन्यवाद आपका मेरे प्रयास को मान देने के लिए। सादर"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह एक से बढ़कर एक बोनस शेर। वाह।"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"छंद प्रवाह के लिए बहुत बढ़िया सुझाव।"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"मानव के अत्यधिक उपभोगवादी रवैये के चलते संसाधनों के बेहिसाब दोहन ने जलवायु असंतुलन की भीषण स्थिति…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
" जलवायु असंतुलन के दोषी हम सभी हैं... बढ़ते सीओटू लेवल, ओजोन परत में छेद, जंगलों का कटान,…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आग लगी है व्योम में, कहते कवि 'कल्याण' चहुँ दिशि बस अंगार हैं, किस विधि पाएं त्राण,किस…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"भाई लक्षमण जी एक अरसे बाद आपकी रचना पर आना हुआ और मन मुग्ध हो गया पर्यावरण के क्षरण पर…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"अभिवादन सादर।"
3 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service