For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हाईकू
----------------------
जंगो-जुनून
हर आदमी अँधा 
किसे सुकून.
--------------------
मस्तक सजे
माटी मेरे देश की
दिल ही पूजे
-------------
क्या स्वाद है 
संस्कार पीढ़ियों का
बुनियाद है.
-------------
परवाने को
राह दिखाती शम्मा
घर आने को.
-------------
दल-दल है 
सियासी गलियारा
हल-चल है
------------
ये छुई-मुई
हांथों की रिश्तेदारी
मित्रता हुई.
-----------------
जिस्मानी-रिश्ता
रूह की राह ढूंढ़ 
बन  फ़रिश्ता.
------------------
बातों में बात
जलेबियाँ तैयार
बुरी ये बात.
----------------
फसल खेत
एक दूजे क़े लिए
साहिल रेत.
--------------
पद आरूढ़
किंकर्तव्यविमूढ़
राज है गूढ़.
---------------
साँस पे साँस
चलती है ज़िन्दगी
है अहसास.
--------------
सवाल उठा
बढ़ी हैं जरूरतें
जीवन घटा.
---------------
--avinash bagde.

Views: 435

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 20, 2012 at 10:16pm

एक से बढ़कर एक हाइकु 

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on June 20, 2012 at 8:43pm

मस्तक सजे

माटी मेरे देश की
दिल ही पूजे
-------------
क्या स्वाद है 
संस्कार पीढ़ियों का
बुनियाद है.
-------
जिस्मानी-रिश्ता
रूह की राह ढूंढ़ 
बन  फ़रिश्ता.
------------------
आदरणीय अविनाश  जी    बहुत सुन्दर हाइकु ....थोड़े में इतना सारा पिरो डाला आप ने ....
एक शब्द आप का किमकर्त्तव्यमूढ़................ किंकर्तव्यविमूढ़  तो नहीं ....काश ये राजनीति सुन्दर और जन मन भावन नीति बने 
भ्रमर ५ 
Comment by Rekha Joshi on June 20, 2012 at 6:56pm

Avinash ji 

साँस पे साँस

चलती है ज़िन्दगी
है अहसास.,kam sbdon me bnti hae baat ,achchha hae hiiku 
Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on June 20, 2012 at 3:02pm

सर जी बधाई, 

हाई कु हैं या हातिम ताई 

Comment by AVINASH S BAGDE on June 19, 2012 at 8:56pm
Comment by Albela Khatri on June 19, 2012 at 8:38pm

ek se badh kar ek

tohfe aaj laaye anek

__jai ho !

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on June 19, 2012 at 8:18pm
पुनः अच्छे हाइकु अविनाश सर...बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
15 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
22 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
22 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
23 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
yesterday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
Thursday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service