Comment
samtukaant haaiku sabhi ek se badhkar ek badhaai baagde ji.
नही सूरत
bhai कुमार गौरव अजीतेन्दु
सभी स्नेही-जनों का ह्रदय से आभार.
डॉ. प्राची जी, बहुत-बहुत धन्यवाद बारीकी से मेरी रचना को समय देने हेतु साथ ही एक भूल पे ध्यान दिलाने हेतु. वस्तुत:डायरी में मैंने लिखा- "बाज तो आओ खतरे ही खतरे जान बचाओ." पोस्ट करते वक़्त ऊपर की लाइन नीचे की और"तो"राह गया. फिर एक बार आभार आपका.
jai ho avinash ji..............
kya kahne,,,,,,,,,,,,,,
badhaai !
ये हाइकु हमारी कल्पना को अनेक रंग दे रहे हैं
बहुत सुन्दर
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