For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल : शुभ सजीला आपको नव साल हो.

ग़ज़ल : शुभ सजीला आपका नव साल हो.

 

गर्व से उन्नत सभी का भाल हो.

शुभ सजीला आपका नव साल हो.

 

कामना मैं शुभ समर्पित कर रहा,

देश का गौरव बढ़े खुश हाल हो.

 

आसमां हो महरबां कुछ खेत पर,

पेट को इफरात रोटी दाल हो.

 

मुल्क के हर छोर में छाये अमन,

हो तरक्की देश मालामाल हो.

 

आदमी बस आदमी बनकर रहे,

जुल्म शोषण का न मायाजाल हो.

 

मन्दिरों औ मस्जिदों को जोड़ दें,

घोष जय धुन एक ही सुरताल हो.

 

भेद फिरकों का न हो इंसान में,

एक ऐसा भी सुनहरा काल हो.    

**हरिवल्लभ शर्मा 

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 761

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by harivallabh sharma on January 4, 2015 at 6:01pm

आदरणीय Dr.Vijai Shanker साहब सादर अभिनन्दन..नव वर्ष पर हार्दिक मंगलकामनायें प्राप्त हुयीं ..सादर आभार.

Comment by Dr. Vijai Shanker on January 3, 2015 at 11:57pm
कामना मैं शुभ समर्पित कर रहा,
देश का गौरव बढ़े खुश हाल हो.
नव वर्ष शुभ एवं मंगलमय हो, आदरणीय हरिवल्लभ शर्मा ही , सादर।
Comment by harivallabh sharma on January 2, 2015 at 8:04pm

आदरणीय डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी आपकी स्नेहिल टीप हेतु हार्दिक आभार आपका...सादर 

Comment by harivallabh sharma on January 2, 2015 at 8:03pm

आदरणीय Shyam Narain Verma जी आपकी सराहना  हेतु हार्दिक आभार..कृपया स्नेह बनाए रखें.

Comment by harivallabh sharma on January 2, 2015 at 8:01pm

आदरणीया vandana जी ग़ज़ल पर आपकी सार्थक प्रतिक्रिया मिली ,सराहना हेतु हार्दिक आभार आपका...सादर.

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 29, 2014 at 7:05pm

शर्मा जी

सुन्दर हिन्दी गजल हेतु आपको बधाई i

Comment by Shyam Narain Verma on December 29, 2014 at 9:58am

".वाह क्या बात है ,,,,,,,,,,,,,खूबसूरत गजल के लिए आपको हार्दिक बधाईसादर "

Comment by vandana on December 29, 2014 at 5:28am

आदमी बस आदमी बनकर रहे,

जुल्म शोषण का न मायाजाल हो.

 

मन्दिरों औ मस्जिदों को जोड़ दें,

घोष जय धुन एक ही सुरताल हो.

वाह बहुत सुन्दर भावों से सजी ग़ज़ल.. बधाई आदरणीय 

Comment by harivallabh sharma on December 29, 2014 at 12:03am

आदरणीय somesh kumar जी आपकी शुभ कामनाएं अवश्य फलीभूत हों ..ईश्वर से प्रार्थना है..आपको भी नववर्ष मंगलमय हो..सादर.

Comment by harivallabh sharma on December 29, 2014 at 12:01am

आदरणीय Saurabh Pandey साहब आपका कुशल मार्गदर्शन बहुमूल्य है..सादर परिवर्तन किया है..आदरणीय शिज्जू 'शकूर" साहब का परामर्श भी सादर पालन किया है...हार्दिक आभार.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

कुंडलिया छंद

आग लगी आकाश में,  उबल रहा संसार।त्राहि-त्राहि चहुँ ओर है, बरस रहे अंगार।।बरस रहे अंगार, धरा ये तपती…See More
30 minutes ago
Sushil Sarna posted blog posts
30 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सीमा के हर कपाट को - (गजल)-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

२२१/२१२१/१२२१/२१२कानों से  देख  दुनिया  को  चुप्पी से बोलना आँखों को किसने सीखा है दिल से…See More
30 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीया प्राची दीदी जी, आपको नज़्म पसंद आई, जानकर खुशी हुई। इस प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक…"
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर"
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा में हैं। "
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आभार "
21 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय, यह द्वितीय प्रस्तुति भी बहुत अच्छी लगी, बधाई आपको ।"
21 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह आदरणीय वाह, पर्यावरण पर केंद्रित बहुत ही सुंदर रचना प्रस्तुत हुई है, बहुत बहुत बधाई ।"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर आभार।"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन कुंडलियाँ छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
22 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service