For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खामोशी ने ऐसी खता की ......

खामोशी ने ऐसी खता की 
बात न की पर उसने जता दी

दिए हैं उसने ज़ख़्म अगर तो 
दवा भी उसने हमें लगा दी

न जाने क्या-क्या था सोच रखा 
मिला जो उसने , शरत लगा दी

मेरी अना थी , गुरूर उसका 
मगर ये रिश्ते में इक वफ़ा थी

खत इक लिखा , फिर ज़वाब उसका 
था काम इतना , उमर लगा दी

बग़ैर उसके , सफ़र कहाँ था 
कभी था चेहरा , कभी सदा थी

अजय कुमार शर्मा
मौलिक प्रकाशित

Views: 409

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on January 21, 2015 at 8:22pm

बहुत ही सुन्दर शब्द संयोजन! बेहतरीन गजल!

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 21, 2015 at 12:04pm

खामोशी ने ऐसी खता की 
बात न की पर उसने जता दी - वाह ! मौन रहकर सब कुछ कह देना 

दिए हैं उसने ज़ख़्म अगर तो 
दवा भी उसने हमें लगा दी |  - - बहुत  खूब | उम्दा  भाव  गजल के लिए बधाई श्री अजय कुमार शर्मा जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 21, 2015 at 10:31am

बग़ैर उसके , सफ़र कहाँ था 
कभी था चेहरा , कभी सदा थी           --------- लाजवाब बात कही ! बधाइयाँ आदरणीय अजय भाई ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 19, 2015 at 10:43pm
सुन्दर रचना। हार्दिक बधाई स्वीकारें आदरणीय अजय शर्मा जी
Comment by Hari Prakash Dubey on January 19, 2015 at 6:53pm

 गज़ब ढा दिया  आदरणीय  अजय  जी .......खत इक लिखा , फिर ज़वाब उसका ..था काम इतना , उमर लगा दी....बहुत सुन्दर !

Comment by Shyam Narain Verma on January 19, 2015 at 11:37am

बहुत सुंदर रचना, बधाई

Comment by Archana Tripathi on January 19, 2015 at 10:41am
सुन्दर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय अजय जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियों से काफ़ी कुछ…"
5 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय Aazi जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
8 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय अजय जी बहुत शुक्रिया आपका, जी ज़रूर कोशिश करती हूँ सादर"
9 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय नीलेश जी बहुत शुक्रिया आपका, बेहतर है सुझाव आभार आपका सादर"
9 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय अमित जी बहुत शुक्रिया आपका, बेहतर सुझाव के लिए भी आभार आपका,सुधार करती हूँ सादर"
11 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"शुक्रिया आदरणीय ग़ज़ल पर नज़र ए क़रम व महत्वपूर्ण इस्लाह करने के लिए वैसे मतला का का भाव ये लिया…"
13 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"प्यार में दर्द था दवा भी थीथी वफादार बेवफा भी थी - प्यार से दिल चुरा लिया मेराक्या कहूँ वो बहुत…"
16 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय निलेश जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें। "
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय अजय जी, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है। बधाई स्वीकार करें"
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय निलेश जी, बहुत धन्यवाद"
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय अजय जी, बहुत धन्यवाद"
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय निलेश जी, बहुत धन्यवाद"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service