बडा मंदिर न मस्जिद , न कोई गिरजा शिवाला है
न कोई अर्चना , पूजा बडी , अरदास , माला है
वतन सबसे बडा मंदिर , वतन सबसे बडी पूजा
है ईश्वर तुल्य वो , जो अपने वतन पर मरने वाला है ।
जो सच की पैरवी और झूठ का प्रतिकार करता है ,
मोहब्बत हो जिसे इंसानियत से और एतबार करता है
जरूरी है नहीं हर शख्स सरहद पर लडे जाकर ,
वही सच्चा सिपाही है , जो वतन से प्यार से करता है ।
न कोई आरजू , ख्वाहि श , न कोई शर्त रखते हैं ।
न बोझा कोई सीने पर , न सर पे कर्ज रखते है।
वतन पर मरने वाले होते है हमऔर आप जैसे ही
मगर हर हाल में आगे वो खुद से , फर्ज रखते हैं ।
मौलिक व अप्रकाशित
अजय कुमार शर्मा
Comment
aadarneey ajay jee ,,is sunder rachna ke liye tahe dil badhaaaye ..rachna mein mmatrik kram ka jikra nahee hai ..saadar
आ0 अजय भाई, खूबसूरत प्रस्तुति, बधाई .
वतन सबसे बडा मंदिर , वतन सबसे बडी पूजा
है ईश्वर तुल्य वो , जो अपने वतन पर मरने वाला है ।
आदरणीय अजय शरमा जी , बहुत दिनों बाद देशभक्ति की रचना पढ़ने को मिली है |सुन्दर भाव ''शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले ' किंतु आज तो केवल नेताओं के जन्मदिन पर ही मेले लगते है |काश हम शहीदों की शहादत को मान देना सीख जायें |सादर अभिनन्दन |
republic day ki sabhi ko bahut bahut badhayian
आदरणीय अजय जी इस सुन्दर प्रस्तुति हेतु बधाई ....
आदरणीय अजय कुमार जी , खूबसूरत प्रस्तुति ,बधाई आपको !
जो सच की पैरवी और झूठ का प्रतिकार करता है ,
मोहब्बत हो जिसे इंसानियत से और एतबार करता है
जरूरी है नहीं हर शख्स सरहद पर लडे जाकर ,
वही सच्चा सिपाही है , जो वतन से प्यार से करता है ।
बहुत खूब कितनीं यथार्थ भरी बात कही आप ने ,देश प्रेम के लिए बड़े-बड़े कार्य नहीं छोटे-छोटे कार्य पूरी शिद्दत से करने चाहिएं |
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online