For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जीवन का आधार प्रीत है ....

जीवन   का   आधार  प्रीत  है ...........

जीवन   का   आधार  प्रीत  है
स्वप्न   का   श्रृंगार   प्रीत  है
जलते   रहना   दीप  लौ   पर
शलभ  की  निस्वार्थ  प्रीत  है
विरह   में   बरसात  की   बूंदें
सावन  का   रूठा   संगीत   है
लहरों  पे  वो  छवि  मयंक की
नयन  बिम्ब  की तरल प्रीत है
मधुर  पलों  का  मौन समर्पण
अधरों  पर  अधरों  की जीत है
भुजबंधन  का  तरुण स्पन्दन
आसक्त पलों की  मधुर प्रीत है
आवारापन वो तिमिर-केश का
मधुप  पुष्प  की  अमर प्रीत है

सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 574

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on April 14, 2015 at 12:42pm

आदरणीय गिरिराज भंडारी जी रचना पर आपकी मधुर प्रशंसा का हार्दिक आभार। रचना पर आपका मार्ग दर्शन सदा ही मेरे सृजन को सशक्त करता है। इसे मैं आपकी चाहत के अनुरूप ढालकर पुनः प्रकाशित करूंगा। आपका तहे दिल से शुक्रिया। भविष्य में भी इसी प्रकार आपके स्नेहिल मार्गदर्शन की अपेक्षा रहेगी।  धन्यवाद। 

Comment by Sushil Sarna on April 14, 2015 at 12:38pm

आदरणीय जितेन्द्र पस्टारिया जी रचना पर आपकी मधुर प्रशंसा का हार्दिक आभार। 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 13, 2015 at 11:24am

मधुर  पलों  का  मौन समर्पण
अधरों  पर  अधरों  की जीत है...बहुत सुंदर पंक्तियाँ, बधाई स्वीकारें आदरणीय सरना जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 12, 2015 at 8:57pm

आदरणीय सुशील भाई , लाजवाब गीत रचना हुई है , दिली बधाइयाँ स्वीकार करें ॥ पंक्तियों मे मात्रा कहीं 16 कही6 15 होने से गेयता

में कमी है  --  जैसे -

जीवन   का   आधार  प्रीत  है  --  16 
स्वप्न   का   श्रृंगार   प्रीत  है    --  15   --  अगर स्वप्नों कर दें  मात्रा सही हो जायेंगी  , बस ऐसे ही कुछ जगह है ॥ सादर !!

Comment by Sushil Sarna on April 12, 2015 at 8:44pm

आदरणीय   शिज्जु "शकूर" jee प्रस्तुति पर आत्मीय प्रशंसा का हार्दिक आभार।

Comment by Sushil Sarna on April 12, 2015 at 8:44pm

आदरणीय  shree suneel  jee प्रस्तुति पर आत्मीय प्रशंसा का हार्दिक आभार।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on April 12, 2015 at 1:01pm

वाह बहुत सुंदर आदरणीय सुशील सरना सर बहुत बहुत बधाई

Comment by shree suneel on April 11, 2015 at 12:27pm
"मधुर पलों का मौन समर्पण
अधरों पर अधरों की जीत है "
कई सुंदर पंक्तियाँ और भाव...
बधाई आपको.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय नीलेश जी नमस्कार बहुत अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये हर शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ है सादर"
30 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय अजय जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियों से काफ़ी कुछ…"
33 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय Aazi जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
36 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय अजय जी बहुत शुक्रिया आपका, जी ज़रूर कोशिश करती हूँ सादर"
37 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय नीलेश जी बहुत शुक्रिया आपका, बेहतर है सुझाव आभार आपका सादर"
38 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय अमित जी बहुत शुक्रिया आपका, बेहतर सुझाव के लिए भी आभार आपका,सुधार करती हूँ सादर"
39 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"शुक्रिया आदरणीय ग़ज़ल पर नज़र ए क़रम व महत्वपूर्ण इस्लाह करने के लिए वैसे मतला का का भाव ये लिया…"
42 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"प्यार में दर्द था दवा भी थीथी वफादार बेवफा भी थी - प्यार से दिल चुरा लिया मेराक्या कहूँ वो बहुत…"
44 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय निलेश जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें। "
2 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय अजय जी, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है। बधाई स्वीकार करें"
2 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय निलेश जी, बहुत धन्यवाद"
2 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय अजय जी, बहुत धन्यवाद"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service