For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल -- मुझको सुकून-ए-दिल किसी दर पर नहीं मिला ( बराए इस्लाह )

२२१-२१२१-१२२१-२१२

दिल जिस से आशना हो वो मन्ज़र नहीं मिला
मैं तिश्नालब ही रह गया, सागर नहीं मिला

पथरीले रास्तों पे ही चलता रहा हूँ मैं
सफ़रे हयात में मुझे रहबर नहीं मिला

अपनी बुराइयों से यूँ अन्जान हूँ अभी
मैं खुद से एक बार भी खुलकर नहीं मिला

बुझते दियों को शब्दों से रोशन जो कर सके
महफ़िल में ऐसा कोई सुखनवर नहीं मिला

साहिल पे ही तू बैठ के क्या सोचे ए बशर
मेहनत बिना किसी को भी गौहर नहीं मिला

इसकी तलाश में हूँ मैं सदियों से दर-ब-दर
मुझको सुकून-ए-दिल किसी दर पर नहीं मिला

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 746

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 27, 2015 at 8:22pm

अपनी बुराइयों से यूँ अन्जान हूँ अभी
मैं खुद से एक बार भी खुलकर नहीं मिला .. बहुत खूब ! 

दाद  कुबूल कीजिय भाई दिनेश जी..

Comment by Madan Mohan saxena on May 20, 2015 at 2:55pm

अपनी बुराइयों से यूँ अन्जान हूँ अभी
मैं खुद से एक बार भी खुलकर नहीं मिला

Comment by दिनेश कुमार on May 20, 2015 at 5:58am
हौसला अफ़्जाई के लिये बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय सुनील साहब।
Comment by दिनेश कुमार on May 20, 2015 at 5:57am
हौसला अफ़्जाई के लिये बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय निलेश सर जी।
Comment by दिनेश कुमार on May 20, 2015 at 5:56am
हौसला अफ़्जाई के लिये बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय गोपाल नारायण सर जी।
Comment by दिनेश कुमार on May 20, 2015 at 5:55am
हौसला अफ़्जाई के लिये बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय krishna mishra 'jaan'gorakhpuri साहब
Comment by दिनेश कुमार on May 20, 2015 at 5:53am
हौसला अफ़्जाई के लिये बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय वीनस केसरी सर जी।
Comment by दिनेश कुमार on May 20, 2015 at 5:52am
हौसला अफ़्जाई के लिये बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय भाई मिथिलेश जी।
Comment by दिनेश कुमार on May 20, 2015 at 5:49am
हौसला अफ़्जाई के लिये बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय हरि प्रकाश जी।
Comment by दिनेश कुमार on May 20, 2015 at 5:48am
हौसला अफ़्जाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय गिरिराज सर जी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीया प्राची दीदी जी, आपको नज़्म पसंद आई, जानकर खुशी हुई। इस प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा में हैं। "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आभार "
4 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय, यह द्वितीय प्रस्तुति भी बहुत अच्छी लगी, बधाई आपको ।"
4 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह आदरणीय वाह, पर्यावरण पर केंद्रित बहुत ही सुंदर रचना प्रस्तुत हुई है, बहुत बहुत बधाई ।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर आभार।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन कुंडलियाँ छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई तिलक राज जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह से लेखन को पूर्णता मिली। हार्दिक आभार।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई सुरेश जी, हार्दिक धन्यवाद।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई गणेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
5 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service