For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वो चार पहियां गाड़ी कहाँ मिलेगी कोई हमें  बता दे,
एक हमसफ़र के  साथ चलायें जिसे , ऐसी कोई खता दे 

जिसमे न खिड़की हो,
जिसमे न दरवाज़ा ,
जो चले ज़रा धीरे-धीरे , 
बादलों को चीरे-चीरे |

वो चार पहियां गाड़ी  कहाँ मिलेगी कोई हमें  बता दे,
एक हमसफ़र के  साथ चलायें जिसे , ऐसी कोई खता दे 

पहियां बड़ा ज़ालिम हो, 
रस्ते में  पंचर हो जाए ,
सूरज भी खता में शामिल हो ,
जल्दी से डूब जाए |

वो चार पहियां गाड़ी  कहाँ मिलेगी कोई हमें  बता दे,
एक हमसफ़र के  साथ चलायें जिसे , ऐसी कोई खता दे 

चन्द्रिका भी लुका-छुपी करे ,   
छिपा-छाई का खेल दिखाए ,
सड़क से दूर , किसी शेर की आवाज़ आये 
घबरा कर वो हमसे लिपट जाए |

वो चार पहियां गाड़ी  कहाँ मिलेगी कोई हमें  बता दे,
एक हमसफ़र के  साथ चलायें जिसे , ऐसी कोई खता दे 

शीतल हवाएँ अपना रास्ता भूल कर ,
उनसे बार-बार टकराये ,
चुनरी उनकी उड़ कर , 
एक ऊँचे से ठण्ड से ठिठुरते वृक्ष को शीत से बचाये 

वो चार पहियां गाड़ी  कहाँ मिलेगी कोई हमें  बता दे,
एक हमसफ़र के  साथ चलायें जिसे , ऐसी कोई खता दे |

....मौलिक एवं अप्रकाशित रोहित दुबे 

Views: 433

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Rohit Dubey "योद्धा " on June 26, 2015 at 9:56am

बहुत बहुत धन्यवाद कांताजी |

Comment by kanta roy on June 26, 2015 at 8:22am
बहुत सुंदर अंदाज़ है ये चार पहिया गाड़ी चलाने का । अच्छा लगा पढकर ... बहुत खूब आदरणीय रोहित जी
Comment by Rohit Dubey "योद्धा " on June 24, 2015 at 8:05pm

हरी प्रकाश जी एवं गोपाल जी .......बहुत बहुत धन्यवाद मेरी कविता पढ़ने के लिए |

Comment by Hari Prakash Dubey on June 24, 2015 at 5:20pm

भाई  रोहित जी  आपकी  पहली रचना  पढ़ रहा  हूँ , शायद मैं ही मंच पर  इधर सक्रिय  नहीं  रह  पाया , सुन्दर प्रयास  है  ,बधाई  एवम् शुभकामनायें  !

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on June 24, 2015 at 4:30pm

अच्छा  प्रयास है . सादर .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय निलेश जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें। "
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय अजय जी, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है। बधाई स्वीकार करें"
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय निलेश जी, बहुत धन्यवाद"
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय अजय जी, बहुत धन्यवाद"
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय निलेश जी, बहुत धन्यवाद"
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय आज़ी जी, बहुत धन्यवाद"
1 hour ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . . संबंध

दोहा सप्तक. . . . संबंधपति-पत्नी के मध्य क्यों ,बढ़ने लगे तलाक ।थोड़े से टकराव में, रिश्ते होते खाक…See More
2 hours ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"अगर ये ग़ज़ल बेकार है आदरणीय अमित जी तो कुछ सुझाव दे दीजिए आप कुछ सुझाव दे दीजिए सादर"
2 hours ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
3 hours ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
3 hours ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
3 hours ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
3 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service