For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खुद को रावण सा लिक्खूँगा

मानवता की नए सिरे से
नूतन परिभाषा लिक्खूँगा।
राम कृष्ण सब लिखो स्वयं को।
खुद को रावण सा लिक्खूँगा।।

जब तक जला नहीं लेता मैं
खुद के भीतर की कामुकता।
जब तक खत्म नहीं हो जाती
शक्ति बाहुबल की अभिलाषा।

जब तक मनस नगर में पुष्पित
है अक्षय स्पृहा वाटिका।
तब तक नैतिकता पर कैसे
कहिये अभिभाषण लिक्खूँगा।।
राम कृष्ण सब लिखो स्वयं को।
खुद को रावण सा लिक्खूँगा।।

जब तक इन आँखों में छाये
हुए रहेंगे लोभ के बादल।
जब तक इस सीने की धड़कन
को संचालित करेंगे काजल।

जब तक साँस साँस में मेरी
अभिलाषा की वायु घुलेगी।
तब तक पाप पुण्य पर कहिये
कैसे उच्चारण कर दूँगा।
राम कृष्ण सब लिखो स्वयं को।
खुद को रावण सा लिक्खूँगा।।


मौलिक और अप्रकाशित

Views: 752

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on July 30, 2015 at 1:42pm
डॉ आशुतोष मिश्र सर हार्दिक आभार
Comment by Dr Ashutosh Mishra on July 30, 2015 at 1:24pm

आदरणीय पंकज जी ..आत्म चिंतन से ओत प्रोत शानदार शसक्त रचना के लिए ह्रदय से बधाई सादर 

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on July 28, 2015 at 1:01pm
हर्ष महाजन सर सादर धन्यवाद
Comment by Harash Mahajan on July 28, 2015 at 11:34am

आदरणीय पंकज़़ जी बहूत ही सुंदर अहसासों से सुसज्जित आपकी ये कृति बहुत ही अच्छी हुई है | बहुत बहुत बधाई आपको !! सादर !!

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on July 27, 2015 at 10:37pm
आदरणीया कान्ता रॉय जी और राजेश कुमारी जी आप दोनों को सादर धन्यवाद; आप लोगों की शुभकामनाएं ऊर्जा-श्रोत हैं।
Comment by kanta roy on July 27, 2015 at 10:07pm
जब तक मनस नगर में पुष्पित
है अक्षय स्पृहा वाटिका।
तब तक नैतिकता पर कैसे
कहिये अभिभाषण लिक्खूँगा..... वाह !!! क्या सुंदर सोच का आगाज़ हुआ है । बधाई आदरणीय पंकज कुमार जी

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 27, 2015 at 10:00pm

बहुत उम्दा भाव सकारात्मक सोच को जीती सुन्दर कविता हार्दिक बधाई पंकज कम कुमार मिश्रा जी 

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on July 27, 2015 at 9:24pm
शिज़्ज़ू शंकर भाई सादर धन्यवाद।

आदरणीय गिरिराज भंडारी सर; उसको संशोधित कर दूँगा।
सुझाव के लिए हार्दिक आभार।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on July 27, 2015 at 8:52pm

आदरणीय पंकज़़जी कविता के भाव अच्छे हैं बहुत बहुत बधाई इस रचना के लिये


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 27, 2015 at 1:07pm

आदरणीय पंकज भाई , बहुत सुन्दर गीत रचना हुई है । आपको हार्दिक बधाई ।

शक्ति बाहुबल की अभिलाषा।   -- इस पंक्ति के विषय मे एक बार और सोहियेगा ,   शक्ति और बाहुबल एक साथ सही लग रहे हैं । 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीया प्राची दीदी जी, आपको नज़्म पसंद आई, जानकर खुशी हुई। इस प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा में हैं। "
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आभार "
5 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय, यह द्वितीय प्रस्तुति भी बहुत अच्छी लगी, बधाई आपको ।"
5 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह आदरणीय वाह, पर्यावरण पर केंद्रित बहुत ही सुंदर रचना प्रस्तुत हुई है, बहुत बहुत बधाई ।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर आभार।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन कुंडलियाँ छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई तिलक राज जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह से लेखन को पूर्णता मिली। हार्दिक आभार।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई सुरेश जी, हार्दिक धन्यवाद।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई गणेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
6 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service